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प्रारंभिक परीक्षा

वायु श्वास प्रणोदन

  • 10 Dec 2022
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक प्रकार के एयर ब्रीदिंग इंजन, स्क्रैमजेट इंजन का सफल परीक्षण किया है।

  • भारत, स्क्रैमजेट इंजन की उड़ान का परीक्षण का प्रदर्शन करने वाला चौथा देश है।

एयर ब्रीदिंग इंजन:

  • परिचय:
    • एयर ब्रीदिंग इंजन एक ऐसा इंजन है जो ईंधन जलाने के लिये अपने परिवेश से वायु ग्रहण करता है।
    • सभी व्यावहारिक एयर ब्रीदिंग इंजन, आंतरिक दहन इंजन होते हैं जो सीधे ईंधन को जलाकर वायु को गर्म करते हैं, परिणामी गर्म गैसों को प्रणोदन नोजल के माध्यम से प्रणोदन के लिये उपयोग किया जाता है।
    • एयर ब्रीदिंग इंजन के माध्यम से सतत वायु प्रवाहित होती है। हवा को संपीड़ित किया जाता है, ईंधन के साथ मिलाया जाता है, प्रज्वलित किया जाता है और निकास गैस के रूप में बाहर निकाला जाता है।
    • एक विशिष्ट वायु-श्वास इंजन द्वारा उत्पन्न बल उसके वजन से लगभग आठ गुना अधिक होता है।
      • निकास नोजल से काम कर रहे गैसों के निष्कासन से बल का परिणाम होता है।
  • प्रकार:
    • रैमजेट: एक रैमजेट एयर ब्रीदिंग जेट इंजन का एक रूप है जो बिना घूर्णन कंप्रेसर के दहन से आने वाली वायु को संपीड़ित करने के एयर व्हीकल की आगे की गति का उपयोग करता है।
      • रैमजेट सुपरसोनिक गति पर सबसे अधिक कुशलता से काम करते हैं लेकिन वे हाइपरसोनिक गति पर कुशल नहीं होते हैं।
    • स्क्रैमजेट: एक स्क्रैमजेट इंजन रैमजेट इंजन पर एक सुधार है क्योंकि यह कुशलता से हाइपरसोनिक गति से संचालित होता है और सुपरसोनिक दहन की अनुमति देता है।
    • डुअल मोड रैमजेट (DMRJ): डुअल मोड रैमजेट (DMRJ) एक प्रकार का जेट इंजन है जहाँ एक रैमजेट मैक 4-8 रेंज में स्क्रैमजेट में बदल जाता है, जिसका अर्थ है कि यह सबसोनिक और सुपरसोनिक दहन मोड दोनों में कुशलता से काम कर सकता है।
गति परास मैक नंबर Vमीटर/सेकंड में वेग
सुपरसोनिक < 0.8 < 274
ट्रांससोनिक 0.8–1.2 274–412
सुपरसोनिक 1.2–5 412–1715
हाइपरसोनिक 5–10 1715–3430
हाई-हाइपरसोनिक 10–25 3430–8507
  • महत्त्व:
    • एयर ब्रीथिंग इंजन कम लागत वाली अंतरिक्ष परिवहन प्रणाली के वायु एक तकनीकी कुंजी प्रदान करता है।
    • प्रौद्योगिकी पुन: प्रयोज्य लॉन्च व्हीकल को विकसित करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
    • मूल रूप से, लॉन्च व्हीकल के कुल द्रव्यमान का 86% लॉन्च वाहन में प्रणोदक द्रव्यमान है। उस प्रणोदक में से 70% ऑक्सीकारक है।
      • ये इंजन व्हीकल में ले जाए जाने वाले प्रणोदक के लगभग 70% को कम कर सकते हैं क्योंकि ये प्रणालियाँ वायुमंडलीय ऑक्सीजन का उपयोग करती हैं, जो पृथ्वी की सतह से 50 किमी. की ऊँचाई तक उपलब्ध है।

स्रोत: द हिंदू

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