नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 16 जनवरी से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

रैपिड फायर

नाट्य प्रदर्शन अधिनियम, 1876

  • 07 Mar 2025
  • 2 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

हाल ही में, प्रधानमंत्री ने पुराने और अप्रचलित कानूनों को निरस्त करने के सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए, नाट्य प्रदर्शन अधिनियम, 1876 का संदर्भ दिया।

  • यह कानून अंग्रेज़ों द्वारा उभरती भारतीय राष्ट्रवादी भावना पर अंकुश लगाने के लिये बनाए गए कानूनों में से एक था। 
  • संविधान का अनुच्छेद 372 स्वतंत्रता-पूर्व कानूनों को लागू रहने की अनुमति देता है, लेकिन औपनिवेशिक कानूनों में संवैधानिकता की धारणा का अभाव है, जिसके कारण चुनौती दिये जाने पर सरकार को बचाव की आवश्यकता होती है।
  • नाट्य प्रदर्शन अधिनियम, 1876 ने सरकार (ब्रिटिश) को “सार्वजनिक नाट्य प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाने” की शक्तियाँ दीं, जो निंदनीय, अपमानजनक, राजद्रोही या अश्लील हैं।
    • इस अधिनियम को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य बनाम बाबू लाल एवं अन्य मामले, 1956 में असंवैधानिक घोषित किया था। अप्रचलित कानूनों को हटाने के सरकार के प्रयास के तहत वर्ष 2018 में इस कानून को औपचारिक रूप से निरस्त कर दिया गया था। 
  • वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट, 1878 और 1870 का राजद्रोह कानून इस अवधि के दौरान राष्ट्रवादी गतिविधियों को दबाने और औपनिवेशिक शासन के विरोध को दबाने के लिये बनाए गए कठोर कानूनों में से थे ।

और पढ़ें: प्रेस, नियतकालिक पत्रिका रजिस्ट्रीकरण विधेयक, 2023

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2