प्रारंभिक परीक्षा
DNA और फेस मैचिंग सिस्टम
- 26 Oct 2023
- 7 min read
स्रोत: द हिंदू
आपराधिक प्रक्रिया पहचान अधिनियम (CrPI), 2022 एक वर्ष से अधिक समय पहले संसद द्वारा पारित किया गया था, हालाँकि अधिनियम के प्रावधान अभी तक पूरी तरह से लागू नहीं हुए हैं, केंद्र देश भर के 1,300 पुलिस स्टेशनों पर "DNA और फेस मैचिंग" उपकरण स्थापित करने की तैयारी कर रहा है।
CrPI अधिनियम, 2022 के तहत 'DNA और फेस मैचिंग सिस्टम':
- अधिनियम और नियमों का परिचय:
- वर्ष 2022 में भारतीय संसद ने CrPI अधिनियम पारित किया जो पुलिस और केंद्रीय जाँच एजेंसियों को गिरफ्तार व्यक्तियों के भौतिक एवं जैविक नमूनों को इकट्ठा करने, उन्हें संगृहीत करने तथा विश्लेषण करने का अधिकार देता है, जिसमें रेटिना व आईरिस स्कैन भी शामिल हैं।
- इस विधायी कदम का उद्देश्य कानून प्रवर्तन क्षमताओं को बढ़ाना और आपराधिक पहचान तथा डेटा प्रबंधन में एक नए युग की शुरुआत करना है।
- अधिनियम और नियमों का कार्यान्वयन:
- अधिनियम को लागू करने और माप संग्रह प्रक्रिया के लिये मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) स्थापित करने की ज़िम्मेदारी एक केंद्रीय संगठन राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) को सौंपी गई थी।
- NCRB ने इन मापों को रिकॉर्ड करने के लिये उचित प्रोटोकॉल पर पुलिस अधिकारियों का मार्गदर्शन करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- कार्यान्वयन के लिये उपायों और समितियों का विस्तार:
- अधिनियम और नियमों में सीधे तौर पर DNA नमूना संग्रह एवं फेस मैचिंग प्रक्रियाओं का उल्लेख नहीं था, लेकिन NCRB ने राज्य पुलिस अधिकारियों के साथ चर्चा में इन उपायों को लागू करने की योजना पर सहमती व्यक्त की गई।
- इसके अतिरिक्त, गृह मंत्रालय ने DNA डेटा रिकॉर्ड करने के लिये राज्य पुलिस और केंद्रीय कानून प्रवर्तन प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए एक डोमेन समिति का गठन किया।
- अधिनियम से जुड़ी चुनौतियाँ और विवाद:
- आलोचकों ने इस कानून को "असंवैधानिक" और गोपनीयता पर अतिक्रमण बताया।
- विवाद के अतिरिक्त व्यावहारिक चुनौतियाँ भी सामने आईं, जिनमें विभिन्न राज्यों में प्रशिक्षण और संसाधनों की आवश्यकता के साथ-साथ फंडिंग एवं परिचालन लागत पर चिंताएँ भी शामिल थीं।
- इसके अलावा NCRB ने एकत्रित डेटा के दुरुपयोग को रोकने के लिये मज़बूत सुरक्षा उपायों के साथ-साथ तकनीकी, कानूनी और फोरेंसिक उपयोग के लिये बेहतर उपकरणों एवं प्रणालियों के महत्त्व पर ज़ोर दिया। यह संदर्भ अधिनियम और उससे जुड़े नियमों की जटिलता एवं महत्त्व को रेखांकित करता है।
DNA और फेस मैचिंग सिस्टम तकनीक:
- फेस मैचिंग सिस्टम:
- फेस मैचिंग सिस्टम एक एल्गोरिदम-आधारित तकनीक है जो किसी व्यक्ति के चेहरे की विशेषताओं को पहचानकर तथा मैपिंग करके चेहरे का एक डिजिटल मानचित्र बनाता है, जिसे बाद में उस डेटाबेस से मिलान किया जाता है जिस तक उसकी पहुँच होती है।
- ऑटोमेटेड फैसियल रिकग्निशन सिस्टम (AFRS) में व्यक्ति के मिलान तथा पहचान के लिये बड़े डेटाबेस (जिसमें लोगों के चेहरों की तस्वीरें व वीडियो होते हैं) का उपयोग किया जाता है।
- सी.सी.टी.वी. फुटेज से ली गई एक अज्ञात व्यक्ति के चेहरे के पैटर्न की तुलना मिलान के लिये कृत्रिम बुद्धिमत्ता तकनीक का उपयोग करके मौजूदा डेटाबेस से की जाती है।
- DNA फेस मैचिंग सिस्टम:
- DNA मैचिंग सिस्टम, जिसे DNA प्रोफाइलिंग अथवा DNA फिंगरप्रिंटिंग के रूप में भी जाना जाता है, ऐसी तकनीकें हैं जिनका उपयोग व्यक्तियों की अनोखी आनुवंशिक विशेषताओं के आधार पर तुलना तथा पहचान करने के लिये किया जाता है।
- ये प्रणालियाँ प्रत्येक व्यक्ति के लिये एक अनोखी आनुवंशिक प्रोफाइल तैयार करने के लिये किसी व्यक्ति के DNA के विशिष्ट पहलुओं का विश्लेषण करती हैं, जो लोगों के बीच अत्यधिक परिवर्तनशील होते हैं।
- DNA मैचिंग का उपयोग आमतौर पर आपराधिक जाँच में संदिग्धों को अपराध स्थल अथवा पीड़ितों से जोड़ने के लिये किया जाता है। अपराध स्थल पर पाए गए DNA साक्ष्य, जैसे रक्त, बाल अथवा शारीरिक तरल पदार्थ की तुलना संभावित संदिग्धों के DNA प्रोफाइल से की जा सकती है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. पहचान प्लेटफॉर्म 'आधार' खुला (ओपेन) "एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस” (ए.पी.आई.) उपलब्ध कराता है। इसका क्या अभिप्राय है?(2018)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c) प्रश्न. किसी व्यक्ति की जीवमितीय पहचान हेतु, अंगुली-छाप क्रमवीक्षण के अलावा निम्नलिखित में से कौन-सा/से प्रयोग में लाया जा सकता है/लाए जा सकते हैं? (2014)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (d) |