सी. एलिगेंस के अनुप्रयोग द्वारा जीव विज्ञान में खोजें | 15 Jan 2025

स्रोत: द हिंदू

गोल कृमि, कैनोरहेबडाइटिस एलिगेंस की कई नोबेल पुरस्कार विजेताओं की खोजों में प्रमुख भूमिका रही है जिससे इसकी मौलिक जैविक प्रक्रियाओं पर प्रकाश पड़ा है।

सी. एलिगेंस से संबंधित नोबेल विजेता प्राप्त शोध: 

  • विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन (वर्ष 2024 का फिज़ियोलॉजी या मेडिसिन में नोबेल पुरस्कार): इन्होंने microRNAs की खोज करने के साथ जीन अभिव्यक्ति नियंत्रण में इनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका का पता लगाया।
  • ओसामु शिमोमुरा, मार्टिन चाल्फी और रोजर त्सियन (रसायन विज्ञान में 2008 नोबेल पुरस्कार): इन्होंने हरित फ्लोरोसेंट प्रोटीन (GFP) का विकास किया, जिससे जीवित कोशिका इमेजिंग संभव होने के साथ जैविक अनुसंधान में क्रांतिकारी बदलाव आया।
    • GFP एक ऐसा उपकरण है जिसका उपयोग आणविक एवं कोशिका जीव विज्ञान में जैविक प्रक्रियाओं को देखने तथा उन पर निगरानी रखने के लिये किया जाता है।
  • एंड्रयू फायर और क्रेग मेलो (चिकित्सा में वर्ष 2006 नोबेल पुरस्कार): इन्होंने RNA इंटरफेरेंस (RNAi) की खोज की, जिससे जीन-साइलेंसिंग तकनीक में क्रांतिकारी बदलाव आया।
    • इससे यह खोज हुई कि डबल-स्ट्रैंडेड आरएनए (dsRNA) विशिष्ट जीन की साइलेंसिंग शांत कर सकता है, जिससे संभावित चिकित्सीय अनुप्रयोगों का मार्ग प्रशस्त होता है।
  • सिडनी ब्रेनर (वर्ष 2002 का चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार): इनके शोध ने प्रोग्राम्ड कोशिका मृत्यु को समझने में योगदान दिया।
  • सी. एलिगेंस: इस छोटे अकशेरुकी की लंबाई सिर्फ 1 मिमी होती है और यह एक पारदर्शी निमेटोड है।
    • निमेटोड (जिन्हें गोलकृमि भी कहा जाता है) बेलनाकार एवं अक्सर सूक्ष्म जीव होते हैं तथा यह मृदा और तलछट पारिस्थितिकी तंत्र का एक प्रमुख घटक हैं।
    • ये पशुओं या पौधों पर परजीवी होते हैं या मृदा एवं जल में स्वतंत्र रूप से मिलते हैं।

C_Elegans

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