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राजनीतिक दलों की मान्यता की समाप्ति और उनका विपंजीकरण

  • 01 Apr 2023
  • 5 min read

हाल ही में आंध्र प्रदेश सरकार ने भारत निर्वाचन आयोग (ECI) से आंध्र प्रदेश के एक राजनीतिक दल की मान्यता समाप्त नहीं करने का अनुरोध किया।

राजनीतिक दलों की मान्यता समाप्त करने का अर्थ:  

  • परिचय: 
  • राष्ट्रीय दल के रूप में किसी राजनीतिक दल की मान्यता समाप्त करने का आधार (ECI के अनुसार):
    • यदि दल संबंधित राज्य के लोकसभा या विधानसभा के आम चुनाव में डाले गए कुल मतों का कम-से-कम 6% मत हासिल करने में विफल रहता है और यदि वह पिछले लोकसभा चुनावों में कम-से-कम 4 सांसदों को निर्वाचित करने में विफल रहता है (साथ ही यह उसी राज्य से लोकसभा में 1 सीट नहीं जीतता है); या
    • यदि उसने कम-से-कम 3 राज्यों में लोकसभा की कुल सीटों की 2% सीटें नहीं जीती हैं। 
    • यदि यह राज्य के लोकसभा या राज्य विधानसभा के आम चुनाव में डाले गए कुल वैध मतों का 8% हासिल करने में विफल रहता है। 
    • यदि पार्टी अपने लेखा-परीक्षित खातों को समय पर ECI को प्रस्तुत करने में विफल रहती है। 
    • यदि पार्टी समय पर अपने संगठनात्मक चुनाव आयोजित करने में विफल रहती है। 

मान्यता की समाप्ति और विपंजीकरण में अंतर: 

  • परिचय: 
    • विपंजीकरण से तात्पर्य एक राजनीतिक दल के पंजीकरण को रद्द करने से है। हालाँकि ECI के पास पार्टियों को विपंजिकृत करने का अधिकार नहीं है।
    • एक बार किसी राजनीतिक दल का पंजीकरण समाप्त हो जाने के बाद वह चुनाव नहीं लड़ सकता है।  
  • किसी राजनीतिक दल के विपंजीकरण का आधार: 
    • किसी पार्टी को निम्नलिखित आधार पर विपंजीकृत किया जा सकता है: 
      • यदि पार्टी का पंजीकरण गलत तरीके से किया गया हो;
      • इसे केंद्र सरकार द्वारा अवैध घोषित किया गया हो; या
      • एक पार्टी अपने आंतरिक संविधान में संशोधन करती है और भारतीय निर्वाचन आयोग को सूचित करती है कि वह अब भारतीय संविधान का पालन नहीं कर सकती है।

जन प्रतिनिधित्त्व अधिनियम, 1951: 

  • प्रमुख प्रावधान: 
    • यह चुनावों और उपचुनावों के संचालन को नियंत्रित करता है, चुनाव कराने के लिये प्रशासनिक सुविधाएँ प्रदान करता है, यह राजनीतिक दलों के पंजीकरण से संबंधित है, सदनों की सदस्यता के लिये योग्यता और अयोग्यताओं को निर्दिष्ट करता है, भ्रष्ट प्रथाओं तथा अन्य अपराधों को रोकने का प्रावधान प्रदान करता है।
  • राजनीतिक दलों से संबंधित प्रावधान:
    • राजनीतिक दल बनने के लिये प्रत्येक संघ या निकाय को भारत के निर्वाचन आयोग में पंजीकृत होना चाहिये, जिसका पंजीकरण के संबंध में निर्णय अंतिम होगा।
    • वर्तमान नियम पुस्तिका चुनाव आयोग को पार्टियों को पंजीकृत करने की अनुमति देती है किंतु पंजीकरण रद्द करने की अनुमति नहीं देती है।
      • जन प्रतिनिधित्त्व अधिनियम 1951 में कोई प्रावधान किसी राजनीतिक दल की मान्यता रद्द करने के लिये कोई तंत्र प्रदान नहीं करता है।
        • यह हो सकता है कि संसद ने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव आयोजित करने के मामले में अपनी स्वतंत्रता तथा निष्पक्षता सुनिश्चित करने हेतु चुनाव आयोग को यह शक्ति देने से जान-बूझकर इनकार कर दिया हो। 
  • हालाँकि ECI राजनीतिक दलों के पंजीकरण और अपंजीकरण दोनों को विनियमित करने की शक्ति की मांग कर रहा है। 

स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया

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