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रैपिड फायर

DDoS साइबर अटैक

  • 21 Feb 2025
  • 2 min read

स्रोत: TH

संपत्ति पंजीकरण से संबंधित कर्नाटक के कावेरी 2.0 पोर्टल को डिस्ट्रीब्यूटेड डेनियल ऑफ सर्विस (DDoS) अटैक के कारण उत्पन्न समस्याओं का सामना करना पड़ा।

  • स्वचालित अनुरोधों और फेक एकाउंट्स के कारण सिस्टम पर अत्यधिक बोझ पड़ने से डाउनटाइम की समस्या उत्पन्न हो गई।
  • डिस्ट्रीब्यूटेड डेनियल ऑफ सर्विस (DDoS) अटैक:
  • DDoS अटैक एक साइबर अटैक है, जिसमें दुर्भावनापूर्ण ट्रैफिक किसी नेटवर्क या वेबसाइट पर अत्यधिक भार डाल देता है, जिससे कार्य बाधित होता है।
  • DDoS अटैक, डेनियल ऑफ सर्विस (DoS) हमलों का बड़े पैमाने का संस्करण हैं, जो लक्ष्य को अधिभारित करने के लिये एकल स्रोत के बजाय कई समझौता किये गए सिस्टम (बॉटनेट) का उपयोग करते हैं।
  • प्रकार:

  • प्रभाव:
  • DDoS अटैक सेवाओं को बाधित करते हैं, राजस्व को प्रभावित करते हैं, तथा साइबर सुरक्षा कमज़ोरियों को उजागर करते हैं, जिससे संगठन की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचता है।
  • शमन संबंधी रणनीतियाँ
  • ट्रैफिक फिल्टरिंग, दर सीमा, सिक्यूरिटी ऑडिट, घटना प्रतिक्रिया योजना, बहु-कारक प्रमाणीकरण और बॉट डिटेक्शन (कैप्चा, व्यवहार विश्लेषण) द्वारा DDoS अटैक के विरुद्ध सुरक्षा में सुधार किया गया है।

और पढ़ें: डिनायल ऑफ-सर्विस (DoS) अटैक

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