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आयातित कॉस्मेटिक के लिये DCGI के नए मानक

  • 07 Nov 2024
  • 2 min read

स्रोत: लाइव मिंट

हाल ही में भारत में आयातित कॉस्मेटिक (सौंदर्य प्रसाधन) की गुणवत्ता, सुरक्षा और विनियामक में सुधार के लिये भारतीय औषधि महानियंत्रक (DCGI) द्वारा नए मानक निर्धारित किये गए हैं।

  • भारत में कॉस्मेटिक बाज़ार का मूल्य वर्ष 2023 में 8.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, वर्ष 2032 तक 18.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है

दिशा-निर्देश:

  • कॉस्मेटिक/सौंदर्य प्रसाधनों का आयात केवल तभी किया जा सकता है जब उनकी समाप्ति तिथि आयात की तारीख से कम-से-कम छह महीने बाद हो।
  • नियामक ने नवंबर 2014 के बाद हेक्साक्लोरोफेन युक्त सौंदर्य प्रसाधनों और जानवरों पर परीक्षण किये गए सौंदर्य प्रसाधनों के आयात पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
    • हेक्साक्लोरोफेन, एक सामयिक जीवाणुरोधी क्लींजर है जिसका उपयोग सर्जरी से पहले त्वचा को साफ करने और संक्रमण को रोकने के लिये किया जाता था, लेकिन सुरक्षा संबंधी चिंताओं के कारण इसे सौंदर्य प्रसाधनों में प्रतिबंधित कर दिया गया है।
  • मूल देश में प्रतिबंधित किसी भी सौंदर्य प्रसाधन के आयात की अनुमति केवल विशिष्ट प्रयोजनों (जैसे, परीक्षण, विश्लेषण) के लिये ही दी जा सकती है।
    • कॉस्मेटिक रूल्स, 2020 में कहा गया है कि किसी भी कॉस्मेटिक उपयोगकर्त्ता को कोई गलत या भ्रामक जानकारी नहीं देनी चाहिये।
  • नए कॉस्मेटिक उत्पादों के आयातकों को सुरक्षा और प्रभावकारिता के प्रमाण के साथ केंद्रीय लाइसेंसिंग प्राधिकरण से अनुमोदन लेना आवश्यक है।
  • DCGI: DCGI केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) का प्रमुख है, जो पूरे देश में गुणवत्तापूर्ण दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये ज़िम्मेदार है।

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