रैपिड फायर
कश्मीर की आकस्मिक फसल योजना
- 05 Mar 2025
- 3 min read
स्रोत: द हिंदू
शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (SKUAST) ने वर्ष 2024 की सर्दियों में वर्षा में 80% की कमी के कारण कश्मीर में अपेक्षित सूखे जैसी स्थिति से निपटने के क्रम में एक आकस्मिक फसल योजना तैयार की है।
आकस्मिक फसल योजना के प्रमुख घटक:
- वैकल्पिक फसल संवर्द्धन: इसके तहत अधिक जल की आवश्यकता वाले चावल के स्थान पर SKUAST द्वारा सूखा प्रतिरोधी मक्का (SMC-8, SMH-5) एवं दालों को बढ़ावा देना शामिल है, जिन्हें कम जल की आवश्यकता होती है।
- इसमें फावा बीन एवं लोबिया जैसी अधिक गर्मी सहन करने वाली फसलों (जो शुष्क परिस्थितियों में वृद्धि कर सकती हैं) की सिफारिश करना शामिल है।
जल संरक्षण रणनीतियाँ:
- मल्चिंग: इसके अंतर्गत नमी बनाए रखने के साथ मृदा स्वास्थ्य में सुधार हेतु ऊपरी मृदा को जैविक पदार्थों से ढकना शामिल है।
- सूक्ष्म सिंचाई: इष्टतम जल उपयोग के क्रम में ड्रिप सिंचाई और मिस्ट स्प्रेयर को प्रोत्साहित करना शामिल है।
- सब्जी की खेती को बनाए रखने के लिये सूक्ष्म छिड़काव प्रणाली एवं जैविक मृदा को महत्त्व देना शामिल है।
- एंटी-ट्रांसपिरेंट एजेंट: इसमें पौधों से जल की हानि (वाष्पोत्सर्जन) को कम करने के क्रम में रसायनों का प्रयोग किया जाना शामिल है।
- सूक्ष्म सिंचाई: इष्टतम जल उपयोग के क्रम में ड्रिप सिंचाई और मिस्ट स्प्रेयर को प्रोत्साहित करना शामिल है।
- अनुकूल कृषि पद्धतियाँ: इसके अंतर्गत फलदार फसलों में समय पूर्व फूल आने को रोकने के लिये वृद्धि नियंत्रक स्प्रे के उपयोग की सिफारिश के साथ नमी को संरक्षित करने के क्रम में एंटी-ट्रांसपिरेंट्स का उपयोग करने की सलाह देना शामिल है।
- कीट नियंत्रण: बढ़ते तापमान ने एफिड्स और लीफ माइनर ब्लॉच जैसे कीटों को और अधिक आक्रामक बना दिया है। SKUAST द्वारा रासायनिक कीट प्रबंधन विधियों के बारे में सलाह दी जा रही है।
और पढ़ें: जलवायु अनुकूल कृषि