चार भारतीय उत्पादों पर प्रतिकारी शुल्क | 15 Dec 2023
स्रोत: द हिंदू
संयुक्त राज्य अमेरिका तथा यूरोपीय संघ ने अब जनवरी 2021 में आउटबाउंड शिपमेंट के हेतु पेश किये गए निर्यात उत्पादों पर शुल्क और करों की छूट (RODTEP) योजना के खिलाफ प्रतिशोध के रूप में चार भारतीय उत्पादों पर प्रतिकारी शुल्क (CVDs) को लागू किया है।
- पेपर फॉइल फोल्डर, सामान्य मिश्र धातु एल्यूमीनियम शीट और U.S. द्वारा जाली स्टील फ्लुइड एंड ब्लॉक जैसी वस्तुओं के लिये CVD निर्धारण के साथ प्रतिकारी जाँच का समापन किया गया, जबकि यूरोपीय आयोग द्वारा विशिष्ट ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड सिस्टम की जाँच की गई।
प्रतिकारी शुल्क (Countervailing Duty) क्या है?
- प्रतिकारी शुल्क: CVD निर्यात देश में इन सामानों के उत्पादकों को दी गई सब्सिडी के लिये आयातित सामानों पर लगाए गए टैरिफ हैं।
- CVD एक उत्पाद के घरेलू उत्पादकों और एक ही उत्पाद के विदेशी उत्पादकों के बीच प्रतिस्पर्द्धा को समतुल्य करने के लिये हैं, जो अपनी सरकार से प्राप्त सब्सिडी के कारण इसे कम कीमत पर बेच सकते हैं।
- विश्व व्यापार संगठन (WTO) अपने सदस्य देशों द्वारा प्रतिकारी शुल्क लगाने की अनुमति देता है।
- WTO का SCM समझौता: विश्व व्यापार संगठन (WTO) का सहायिकी तथा प्रतिकारी उपायों पर समझौता (Subsidies and Countervailing Measures- SCM समझौता) दो मुख्य पहलुओं का समाधान करता है जिनमें सहायिकी के संबंध में बहुपक्षीय नियम एवं सहायिकी युक्त आयात से होने वाली क्षति से बचाव के लिये प्रतिकारी उपायों का उपयोग शामिल है।
- सहायिकी प्रावधानों से संबंधित नियम बहुपक्षीय मानकों द्वारा निर्धारित किये जाते हैं तथा WTO विवाद निपटान तंत्र द्वारा समर्थित होते हैं।
- SCM समझौते के तहत जाँच करने तथा मानदंडों को पूरा करने के बाद किसी संबद्ध सदस्य द्वारा प्रतिकारी शुल्क लगाया जा सकता है।
- सहायिकी को परिभाषित करना: SCM समझौते में “सहायिकी/सब्सिडी” को सरकार द्वारा प्रदत्त लाभ प्रदान करने वाली वित्तीय सहायता के रूप में परिभाषित किया गया है। विशिष्टता यह निर्धारित करती है कि सब्सिडी किसी विशेष उद्यम, उद्योग अथवा क्षेत्र पर लागू होती है या नहीं।
- सब्सिडी को निषिद्ध (उदाहरण के लिये निर्यात सब्सिडी, स्थानीय सामग्री सब्सिडी) तथा कार्रवाई योग्य/अनुयोज्य (आक्षेप अथवा प्रतिकारी उपायों के अधीन) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- अनुयोज्य सब्सिडी के परिणामस्वरूप हानि, भेदभाव अथवा लाभ रद्द हो सकता है।
- हालाँकि परिवर्तन नियम विकासशील देशों तथा बाज़ार अर्थव्यवस्थाओं में संक्रमण करने वाले देशों के लिये कुछ सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिये छूट या विस्तारित अवधि प्रदान करते हैं।
- हालाँकि उक्त नियम विकासशील देशों और बाज़ार अर्थव्यवस्थाओं की ओर बढ़ने वाले देशों को कुछ सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिये विस्तारित अवधि या छूट प्रदान करते हैं।
भारत में प्रतिकारी उपाय कौन लागू करता है?
- वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR), पाटनरोधी/एंटी-डंपिंग, प्रतिकारी शुल्क एवं सुरक्षा उपायों सहित सभी व्यापार उपचार उपायों को प्रशासित करने के लिये एकल राष्ट्रीय प्राधिकरण है।
- पाटनरोधी एवं संबद्ध शुल्क महानिदेशालय (DGAD) जिसका गठन वर्ष 1997 में किया गया था, को मई 2018 में सभी व्यापार उपचारात्मक कार्यों यानी एंटी-डंपिंग ड्यूटी (ADD), काउंटरवेलिंग ड्यूटी, सेफगार्ड ड्यूटी (SGD), सेफगार्ड उपाय (QR) को एकल खिड़की ढाँचे के तहत शामिल करके DGAD को DGTR में पुनर्गठित तथा पुनः डिज़ाइन करके DGTR के रूप में पुनर्गठित किया गया है।
- यह एक अर्द्ध-न्यायिक निकाय है जो केंद्र सरकार को अपनी सिफारिशें करने से पहले स्वतंत्र रूप से जाँच करता है।
RoDTEP योजना क्या है?
- निर्यात उत्पादों पर शुल्कों या करों में छूट योजना (RoDTEP) का उद्देश्य निर्यातित वस्तुओं पर लगने वाले करों और शुल्कों की भरपाई करना है, जिन्हें वापस नहीं किया जाता है, अन्यथा वैश्विक बाज़ारों में प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित की जाती है।
- यह योजना प्रछन्न केंद्रीय, राज्य एवं स्थानीय शुल्कों पर छूट प्रदान करती है जो अन्य योजनाओं के तहत वापस नहीं किये गए थे, जिसमें प्रत्यक्ष और पूर्व चरण के अप्रत्यक्ष कर दोनों शामिल हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. वर्तमान में भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये- (a) केवल 1 और 2 उत्तर: d |