भ्रष्टाचार बोध सूचकांक 2024 | 14 Feb 2025
स्रोत: द हिंदू
भ्रष्टाचार बोध सूचकांक (CPI), 2024 में भारत 96वें स्थान पर आ गया। यह वर्ष 2023 में 93वें स्थान पर था।
- CPI: इसे गैर-सरकारी संगठन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा वर्ष 1995 से प्रतिवर्ष प्रकाशित किया जाता है।
- इसके तहत 0 (अत्यधिक भ्रष्ट) से 100 (सबसे कम भ्रष्ट) के पैमाने का उपयोग करके सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के कथित स्तर के आधार पर 180 देशों की रैंकिंग की जाती है।
- CPI 2024 में डेनमार्क सबसे कम भ्रष्ट राष्ट्र के रूप में शीर्ष पर रहा, उसके बाद फिनलैंड और सिंगापुर का स्थान रहा। भारत के पड़ोसियों में पाकिस्तान (135), श्रीलंका (121) और बांग्लादेश (149) की रैंकिंग सबसे खराब रही, जबकि चीन 76वें स्थान पर रहा।
- वर्ष 2012 के बाद से 32 देशों के भ्रष्टाचार के स्तर में उल्लेखनीय कमी आई है वहीं इसी अवधि के दौरान 148 देशों में भ्रष्टाचार या तो स्थिर रहा है या और भी बदतर हो गया है।
- ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के अनुसार, भ्रष्टाचार से जलवायु परिवर्तन के शमन और अनुकूलन के लिये निर्धारित धन का दुरुपयोग होने से जलवायु कार्रवाई के साथ जीवाश्म ईंधन से संबंधित नीतियों में बाधा आती है।
- इससे लोकतंत्र के पतन एवं अस्थिरता के साथ मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है, जिसके लिये तत्काल वैश्विक कार्रवाई की आवश्यकता है।
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