प्रारंभिक परीक्षा
कोरोनरी हृदय रोग
- 09 Mar 2023
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चर्चा में क्यों?
हृदय रोग दुनिया भर में मृत्यु का प्रमुख कारण है, कोरोनरी हृदय रोग शोधकर्ताओं के बीच एक प्रमुख चिंता का विषय है।
कोरोनरी हृदय रोग क्या हैं?
- कोरोनरी हृदय रोग (सीएचडी) एक ऐसी स्थिति है जिसमें धमनियों के अंदर वसा के जमाव के कारण ह्रदय तक ऑक्सीजन युक्त रक्त कीआपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाएं संकीर्ण हो जाती हैं।
- समय के साथ, यह जमाव धमनियों को सख्त और संकीर्ण कर सकते हैं, जिससे हृदय में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है।
- कारण:
- अस्वास्थ्यकर जीवन शैली, खराब आहार, शारीरिक निष्क्रियता, तम्बाकू का उपयोग और शराब के हानिकारक सेवन कोरोनरी हृदय रोग के प्रमुख योगदानकर्ता हैं।
- क्षतिग्रस्त हृदय के ऊतकों को मनुष्यों में फिर से विकसित नहीं किया जा सकता है, और इसका एकमात्र विकल्प हृदय प्रत्यारोपण से गुजरना है, जो कि अत्यंत जटिलताओं से भरा हुआ है।
- अस्वास्थ्यकर जीवन शैली, खराब आहार, शारीरिक निष्क्रियता, तम्बाकू का उपयोग और शराब के हानिकारक सेवन कोरोनरी हृदय रोग के प्रमुख योगदानकर्ता हैं।
- हाल के अध्ययन:
- वैज्ञानिकों का समूह एक ऐसा समाधान लेकर आया है जहाँ एक वयस्क की स्वस्थ त्वचा कोशिकाओं को विशेष प्रोटीन का उपयोग करके हृदय की कोशिकाओं में बदला जा सकता है।
- कोशिकाओं को एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित करना, जिसे सेलुलर रिप्रोग्रामिंग के रूप में जाना जाता है, में विशिष्ट प्रोटीन शामिल होते हैं जिन्हें ट्रांसक्रिप्शन कारक कहा जाता है, जो एक कोशिका के भीतर जीन की अभिव्यक्ति को बदलते हैं और इसे एक नई कोशकीय पहचान लेने के लिये निर्देशित करते हैं।
- शोधकर्ताओं ने एक पुनः रीकॉम्बीनेंट प्रोटीन टूलबॉक्स की स्थापना की जिसमें छह संभावित कार्डियक ट्रांसक्रिप्शन कारक शामिल हैं: GATA4, MEF2C, TBX5, ETS2, MESP1 और HAND2।
- इनमें से प्रत्येक प्रोटीन फाइब्रोब्लास्ट को पुन: प्रोग्रामिंग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- रीकॉम्बीनेंट प्रोटीन का उपयोग करने का लाभ यह है कि वे अपने सामान्य प्रतिरूपों के विपरीत, केंद्रकके अंदर अपना काम करते हैं और अंततः अपने जहरीले अवशेष को पीछे छोड़े बिना लुप्त हो जाते हैं।
- कारण:
हृदय रोगों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिये क्या पहलें की गई हैं?
- भारतीय पहलें :
- वैश्विक पहलें:
निष्कर्ष
यह अध्ययन रीकॉम्बीनेंट प्रोटीन का उपयोग करके सीधे कार्डियक रिप्रोग्रामिंग के लिये एक सुरक्षित दृष्टिकोण प्रदान करता है, जिसका उपयोग कार्डियक फाइब्रोब्लास्ट को फिर से प्रोग्राम करने हेतु किया जा सकता है और हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिये यह एक उम्मीद प्रदान करता है तथा एक व्यक्तिगत उपचार विकल्प विकसित करने की संभावना प्रदान करता है जो सुरक्षित और दक्ष दोनों है।