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कोर सेक्टर इंडस्ट्रीज़

  • 03 Jan 2022
  • 2 min read

आठ कोर इंडस्ट्रीज़ का उत्पादन नवंबर में आठ महीनों में सबसे धीमी गति 3.1% की दर से बढ़ा, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की धीमी विकास दर को संकेतित करता है। कच्चे तेल और सीमेंट को छोड़कर अन्य सभी क्षेत्रों में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई।

  • आठ कोर सेक्टर हैं: कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली।

प्रमुख बिंदु 

  • आठ कोर सेक्टर के बारे में:
    • इनमें औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में शामिल मदों के भार का 40.27 प्रतिशत शामिल है।
    • आठ प्रमुख क्षेत्र के उद्योग उनके भार के घटते क्रम में: रिफाइनरी उत्पाद> बिजली> स्टील> कोयला> कच्चा तेल> प्राकृतिक गैस> सीमेंट> उर्वरक।
  • औद्योगिक उत्पादन का सूचकांक:
    • IIP एक संकेतक है जो एक निश्चित अवधि के दौरान औद्योगिक उत्पादों के उत्पादन की मात्रा में परिवर्तन को मापता है।
    • यह केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (CSO), सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा मासिक रूप से संकलित और प्रकाशित किया जाता है।
    • यह एक समग्र संकेतक है जो निम्न वर्गीकृत उद्योग समूहों की विकास दर को मापता है:
      • व्यापक क्षेत्र, अर्थात् खनन, विनिर्माण और बिजली।
      • उपयोग-आधारित क्षेत्र, अर्थात् मूल वस्तुएँ, पूंजीगत वस्तुएँ और मध्यवर्ती वस्तुएँ।
    • IIP के लिये आधार वर्ष 2011-2012 है।
    • IIP का महत्व:
      • इसका उपयोग नीति-निर्माण उद्देश्यों के लिये वित्त मंत्रालय, भारतीय रिज़र्व बैंक आदि सहित सरकारी एजेंसियों द्वारा किया जाता है।
      • त्रैमासिक और अग्रिम सकल घरेलू उत्पाद (सकल घरेलू उत्पाद) अनुमानों की गणना के लिये IIP अत्यंत प्रासंगिक बना हुआ है।

स्रोत: इकॉनोमिक टाइम्स

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