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शासन व्यवस्था

केंद्रीय एवं राज्य सांख्यिकी संगठनों का सम्मेलन

  • 12 Nov 2019
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग

मेन्स के लिये:

महत्वपूर्ण नहीं

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय एवं राज्य सांख्यिकी संगठनों का 27वाँ वार्षिक सम्मेलन कोलकाता में संपन्न हुआ।

मुख्य बिंदु:

  • केंद्रीय एवं राज्य सांख्यिकी संगठनों के 27वाँ वार्षिक सम्मेलन (Conference of Central and States Statistical Organizations- COCSSO) में केंद्रीय मंत्रालयों के प्रतिनिधियों, राज्य सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों, अकादमिक संस्थानों, सामुदायिक संगठनों के साथ-साथ अन्य हितधारकों ने भाग लिया।
  • इस वर्ष COCSSO का विषय (Theme) ‘सतत् विकास लक्ष्य’ (Sustainable Development Goals- SDGs) है।

पृष्ठभूमि:

  • वर्ष 1971 में COCSSO के प्रथम सम्मेलन का आयोजन हुआ था।
  • COCSSO का आयोजन प्रत्येक वर्ष भारत सरकार के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (Ministry Of Statistics and Programme Implementation- MoSPI) द्वारा आयोजित किया जाता है।
  • COCSSO, केंद्र एवं राज्य सांख्यिकी एजेंसियों के बीच समन्वय के लिये एक प्रमुख राष्ट्रीय फोरम है, जिसका उद्देश्य नियोजकों एवं नीति निर्माताओं को अधिक विश्वसनीय आँकड़े प्रदान करना है।
  • COCSSO सांख्यिकी हित के मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिये सभी हितधारकों को एकजुट करने का एक महत्वपूर्ण फोरम है।
  • सितंबर 2016 में MoSPI ने सतत् विकास लक्ष्यों की निगरानी के लिये एक राष्ट्रीय संकेतक फ्रेमवर्क विकसित किया, जिसके अंतर्गत 306 सांख्यिकीय संकेतकों को शामिल किया गया।
  • नीति आयोग द्वारा 13 सतत् विकास लक्ष्यों (सतत् विकास लक्ष्य क्रमांक- 12, 13, 14 और 17 को छोड़कर) के आधार पर सतत् विकास लक्ष्य भारत सूचकांक (SDG India Index) ज़ारी किया जाता है।

27वें COCSSO से सबंधित तथ्य:

  • 27वें COCSSO के आयोजन के दौरान तकनीकी क्षेत्र में हो रही प्रगति के साथ-साथ विभिन्न बदलावों को ध्यान में रखते हुए पेशेवर सांख्यिकीविदों की तेजी से बदलती हुई भूमिका पर चर्चा की गई।
  • वर्तमान में सतत् विकास लक्ष्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के कारण सतत विकास लक्ष्यों की सुदृढ़ निगरानी प्रणाली की स्थापना हेतु अनेक कदम उठा रहा है ।
  • इस सत्र के दौरान MoSPI की नई पहलों जैसे अनेक महत्वपूर्ण सांख्यिकीय मुद्दों, इस क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रयोगों को साझा करने, वास्तविक समय पर SDGs की निगरानी के लिये प्रौद्योगिकी की भूमिका, डेटा संबंधी चुनौतियों एवं सतत् विकास लक्ष्यों के लिए राष्ट्रीय एवं राज्य संकेतक फ्रेमवर्क (एसआईएफ) में सामंजस्य सुनिश्चित करने जैसे विषयों पर चर्चा की गई।

राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग

(National statistical Commission):

  • 1 जून 2005 को एक संकल्प के माध्यम से भारत सरकार ने 12 जुलाई 2006 को राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग की स्थापना की थी।
  • वर्ष 2001 में भारतीय सांख्यिकी प्रणाली के पुनर्विलोकन के लिए गठित रंगराजन आयोग द्वारा दी गईं अनुशंसाओं के आधार पर राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग की स्थापना की गई थी।
  • इस आयोग में अध्यक्ष के अतिरिक्त चार अन्य सदस्य होते हैं जो कि सांख्यिकी के विशेषज्ञ होते हैं।
  • इसका प्रमुख कार्य सांख्यिकी के क्षेत्र में नीतियाँ, प्राथमिकताएँ और मानक तय करना है।

स्रोत-PIB

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