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मेघालय की रेल कनेक्टिविटी पर चिंता

  • 28 Mar 2025
  • 3 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

खासी दबाव समूहों के वर्षों के विरोध के बाद (जिसमें यह चिंता व्यक्त की गई थी कि रेल संपर्क के कारण मेघालय में बाहरी लोगों का अत्यधिक आवागमन हो सकता है) भारतीय रेलवे ने बर्नीहाट तथा शिलांग के लिये लंबित रेलवे परियोजनाओं को रद्द करने का निर्णय लिया है।

  • इसके साथ ही शिलांग देश की एकमात्र ऐसी राज्य की राजधानी रह जाएगी जहाँ रेलवे संपर्क नहीं है।
    • मेघालय में केवल एक रेलवे स्टेशन है (वर्ष 2014 में उद्घाटन), जो नॉर्थ गारो हिल्स के मेंदीपाथर में है।
  • इनर लाइन परमिट (ILP) की मांग: दबाव समूह बाहरी लोगों के आगमन को नियंत्रित करने के लिये राज्य में ILP व्यवस्था को लागू करने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि स्वदेशी जनजातीय आबादी को हाशिये पर धकेले जाने का डर है। 
    • गारो की जनसंख्या लगभग 10 लाख है, जबकि खासी की जनसंख्या 13-14 लाख के बीच है।
    • ILP भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास स्थित कुछ क्षेत्रों में आवागमन को विनियमित करने का एक प्रयास है। यह अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिज़ोरम और मणिपुर में पहले से ही लागू है।
  • ILP के बारे में और इसकी उत्पत्ति: यह एक अनिवार्य आधिकारिक यात्रा दस्तावेज़ है जो किसी भारतीय नागरिक को सीमित अवधि के लिये संरक्षित क्षेत्र में आंतरिक यात्रा की अनुमति देने के लिये संबंधित राज्य सरकार द्वारा जारी किया जाता है। 
    • बंगाल पूर्वी सीमांत विनियमन अधिनियम, 1873 के तहत, अंग्रेज़ों ने निर्दिष्ट क्षेत्रों में बाहरी लोगों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने और उनके ठहराव को विनियमित करने के लिये नियम बनाए। 
      • इसका उद्देश्य "ब्रिटिश नागरिकों" (भारतीयों) को इन क्षेत्रों में व्यापार करने से रोककर क्राउन के अपने वाणिज्यिक हितों की रक्षा करना था।
    • वर्ष 1950 में भारत सरकार ने "ब्रिटिश नागरिक" शब्द के स्थान पर "भारत के नागरिक" से प्रतिस्थापित कर दिया।

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और पढ़ें: इनर लाइन परमिट, पूर्वोत्तर भारत

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