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कक्षीय पादप अध्ययन हेतु कॉम्पैक्ट अनुसंधान मॉड्यूल (CROPS)

  • 18 Jan 2025
  • 2 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने कक्षीय पादप अध्ययन (CROPS) हेतु अपने कॉम्पैक्ट अनुसंधान मॉड्यूल के भाग के रूप में अंतरिक्ष में लोबिया (ब्लैक आइड पी) के बीजों को सफलतापूर्वक अंकुरित किया है।

  • क्रॉप्स मॉड्यूल: क्रॉप्स एक प्रायोगिक मॉड्यूल है जिसे ISRO द्वारा सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण की सहायता से  अंतरिक्ष में पादप वृद्धि का अध्ययन करने के लिये विकसित किया गया है।
    • यह एक मिनी ग्रीनहाउस के रूप में कार्य करता है जिसमें नियंत्रित वायु, तापमान, कृत्रिम सूर्य प्रकाश (एल.ई.डी.) और पृथ्वी द्वारा संचालित जल वितरण प्रणाली है।
  • शामिल विधियाँ:
    • हाइड्रोपोनिक्स: पादप की वृद्धि मृदा के बजाय पोषक तत्त्वों से भरपूर जल के उपयोग से होती है।
    • एरोपोनिक्स: इसमें मृदा की आवश्यकता नहीं होती और पादप की वृद्धि वायु में विद्यमान पोषक तत्त्वों के माध्यम से होती है, जिससे जल और उर्वरक का उपयोग कम हो जाता है।
    • मृदा-सदृश माध्यम: ISRO ने नियंत्रित पोषक वितरण के लिये धीमी गति से निष्कर्षित होने वाले उर्वरक के साथ सरंध्र मृदा का उपयोग किया।
  • अंतरिक्ष हेतु अनुकूल पादप: अंतरिक्ष के आदर्श पादपों में पत्तेदार सब्जियाँ (सलाद, पालक, केल), सेम और मटर (प्रोटीन और नाइट्रोजन स्थ‍िरीकरण हेतु) तथा मूली, गाजर, गेहूँ, चावल, टमाटर और स्ट्रॉबेरी जैसी फसलें शामिल हैं।
  • महत्त्व: इससे दीर्घकालिक अंतरिक्ष मिशनों के लिये एक स्थायी खाद्य स्रोत प्राप्त होगा।
    • पादप कार्बन डाइऑक्साइड का पुनर्चक्रण करते हैं, वायु की गुणवत्ता में सुधार करते हैं, तथा एक संवृत पाश (Closed-Loop) जीवन सहायक प्रणाली के सर्जन में सहायता करते हैं।

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