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आधार वर्ष में संशोधन हेतु समिति

  • 02 Jul 2024
  • 2 min read

स्रोत: इकॉनोमिक टाइम्स 

हाल ही में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा राष्ट्रीय लेखाओं के लिये आधार वर्ष (Base Year) के संशोधन की समीक्षा करने के लिये एक समिति गठित की गई।

  • इस 26 सदस्यीय समिति की अध्यक्षता बिस्वंताह गोलदार करेंगे और यह समिति राष्ट्रीय खातों के लिये एक नए आधार वर्ष की सिफारिश करेगी, जो संभवतः थोक मूल्य सूचकांक, उत्पादक मूल्य सूचकांक तथा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक जैसे सूचकांकों के साथ संरेखित होगी।
  • वर्तमान में आधार वर्ष 2011-12 है लेकिन इसमें संशोधन कर इसे वर्ष 2020-21 बनाने का प्रस्ताव किया गया है।
  • इस पहल का उद्देश्य मौजूदा डेटाबेस की समीक्षा करके और नए डेटा स्रोतों को शामिल करके आर्थिक विश्लेषण तथा नीति-निर्माण को और अधिक सटीक बनाना है।
  • भारत में वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र प्रणाली राष्ट्रीय लेखा (United Nations System of National Accounts- SNA), 2008 के अनुरूप स्रोतों और विधियों के अनुकूलन के बाद जीडीपी शृंखला का आधार वर्ष 2004-05 से 2011-12 में संशोधित किया गया था।
  • SNA आर्थिक गतिविधि के उपायों को संकलित करने के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत अनुशंसाओं का मानक समुच्चय है।

और पढ़ें: GDP की गणना और आधार वर्ष

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