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नीलगिरि, सूरत और वाग्शीर का कमीशन

  • 14 Jan 2025
  • 2 min read

स्रोत: इकोनाॅमिक टाइम्स

भारतीय नौसेना ने 15 जनवरी 2025 को मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) में निर्मित नीलगिरि, सूरत और वाग्शीर को अपने बेड़े में शामिल करने की घोषणा की है।

  • नीलगिरि: यह प्रोजेक्ट 17A का प्रमुख पोत है जो शिवालिक श्रेणी के फ्रिगेटों की तुलना में बेहतर है, जिसमें नौसेना की रक्षा को मज़बूत करने के लिये उन्नत स्टील्थ प्रौद्योगिकी और अत्याधुनिक हथियार प्रणालियाँ शामिल हैं।
  • सूरत: यह प्रोजेक्ट 15B के तहत चौथा और अंतिम विध्वंसक पोत है जो कोलकाता श्रेणी के विध्वंसक पोत का उन्नत संस्करण है और यह लंबी दूरी की मिसाइलों तथा स्वदेशी हथियार प्रणालियों से सुसज्जित है।
    • प्रोजेक्ट 15B भारतीय नौसेना की चार उन्नत निर्देशित मिसाइल विध्वंसक पोतों के डिज़ाइन और निर्माण की एक पहल है।
  • वाग्शीर: स्कॉर्पीन श्रेणी (प्रोजेक्ट 75) की छठी पनडुब्बी विश्व स्तर पर सबसे प्रभावी डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों में से एक है जो सतह-रोधी और पनडुब्बी-रोधी युद्ध के साथ निगरानी तथा विशेष अभियानों में सक्षम है। 
    • प्रोजेक्ट-75 (भारत) का लक्ष्य भारतीय नौसेना के लिये 18 पारंपरिक पनडुब्बियाँ और छह परमाणु ऊर्जा संचालित पनडुब्बियाँ बनाना है।

और पढ़ें: प्रोजेक्ट 17A और आईएनएस तारागिरी

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