प्रारंभिक परीक्षा
कोलंबो प्रक्रिया
- 05 Jun 2024
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
वर्ष 2003 में कोलंबो प्रक्रिया की स्थापना के बाद, भारत हाल ही में पहली बार इस क्षेत्रीय समूह का अध्यक्ष बना है।
- भारत वर्ष 2024-26 की अवधि तक इस समूह का नेतृत्व करेगा।
कोलंबो (Colombo) प्रक्रिया क्या है?
- परिचय:
- कोलंबो प्रक्रिया में 12 एशियाई देश शामिल हैं, यह एक क्षेत्रीय परामर्श मंच के रूप में कार्य करता है। इसका उद्देश्य दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्व एशिया के उन देशों के लिये विदेशी रोज़गार से संबंधित सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना है जो प्रवासी श्रमिकों को विदेश भेजते हैं।
- इसके 12 सदस्य देशों में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, कंबोडिया, चीन, भारत, इंडोनेशिया, नेपाल, पाकिस्तान, फिलीपींस, श्रीलंका, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं।
- संस्थापक राज्यों में बांग्लादेश, चीन, भारत, इंडोनेशिया, नेपाल, पाकिस्तान, फिलीपींस, श्रीलंका, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं।
- अतीत में इसकी अध्यक्षता अफगानिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, फिलीपींस, इंडोनेशिया और बांग्लादेश ने की है।
- कोलंबो प्रक्रिया के अंतर्गत निर्णय सर्वसम्मति से लिये जाते हैं और बाध्यकारी नहीं होते।
- उद्देश्य:
- अनुभव, सीखे गए सबक और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना।
- विदेशी श्रमिकों के सामने आने वाले मुद्दों पर परामर्श करना और व्यावहारिक समाधान सुझाना।
- संगठित विदेशी रोज़गार से विकास लाभों को अधिकतम करना।
- मंत्रिस्तरीय अनुशंसाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा और निगरानी करना।
- सचिवालय: अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (International Organisation for Migration- IOM) कोलंबो प्रक्रिया को तकनीकी और प्रशासनिक सहायता प्रदान करता है।
- श्रीलंका स्थित कोलंबो प्रक्रिया तकनीकी सहायता इकाई (Colombo Process Technical Support Unit- CPTSU) कोलंबो प्रक्रिया को उसके विषयगत क्षेत्रों में तकनीकी सहायता प्रदान करती है।
- पाँच विषयगत प्राथमिकता वाले क्षेत्र:
- कौशल और योग्यता मान्यता प्रक्रिया
- नैतिक भर्ती प्रथाओं को बढ़ावा देना
- प्रस्थान-पूर्व अभिविन्यास और सशक्तीकरण
- प्रेषण के किफायती, तेज़ और सुरक्षित हस्तांतरण को बढ़ावा देना
- श्रम बाज़ार विश्लेषण
- उपलब्धियाँ:
- यूरोप में श्रमिकों की नियुक्ति और नैतिक भर्ती पर एशिया में रोज़गार एजेंसियों हेतु एक क्षेत्रीय कार्यशाला मनीला (2006) में आयोजित की गई थी।
- खाड़ी सहयोग परिषद (Gulf Cooperation Council- GCC) के संविदा श्रम गंतव्य देशों में से एक में प्रवासी श्रमिक संसाधन केंद्र (Overseas Workers Resource Centre- OWRC) स्थापित करने हेतु व्यवहार्यता अध्ययन पूर्ण हो गया है।
- वर्ष 2008 में ब्रुसेल्स (Brussels) में सर्वप्रथम "श्रम प्रवास पर एशिया-यूरोपीय संघ परामर्श" का आयोजन किया गया था, जिसमें कोलंबो प्रक्रिया देशों के अतिरिक्त 16 यूरोपीय संघ सदस्य देशों ने भाग लिया था।
अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (International Organisation for Migration -IOM):
- यह संयुक्त राष्ट्र प्रणाली का एक हिस्सा है, जो 1951 से सभी के लाभ के लिये मानवीय और व्यवस्थित प्रवासन को बढ़ावा देने वाला अग्रणी अंतर-सरकारी संगठन है। इसके 175 सदस्य देश हैं और वर्तमान में 171 देशों में इसकी उपस्थिति है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. भारत इनमें से किसका सदस्य है? (2008)
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