ठंडा लावा | 20 Jun 2024
स्रोत: बीबीसी
हाल ही में फिलीपींस के माउंट कानलाओन नेचुरल पार्क (Kanlaon Natural Park) में ठंडा लावा प्रस्फुटित हुआ, जिसके परिणामस्वरूप ठंडा लावा या "लहार (Lahar)" की धाराएँ, शिखर से कई मील दूर नीग्रोस द्वीप पर एक गाँव से होकर प्रवाहित होने लगीं।
ठंडा लावा क्या है?
- परिचय:
- ठंडा लावा, जिसे इंडोनेशियाई भाषा में लहार (Lahar) के नाम से जाना जाता है, एक ऐसी परिघटना है जिसमें वर्षा जल राख, रेत और कंकड़ जैसी ज्वालामुखी सामग्री के साथ मिलकर कंक्रीट जैसे पदार्थ का निर्माण करता है।
- लाहर मुख्य रूप से नदी घाटियों में प्रवाहित होता है, जो 75-80 किलोमीटर प्रति घंटे या उससे भी अधिक की गति से प्रवाहित हो सकता है।
- इसका प्रवाह गर्म या ठंडा हो सकता है, जो इसके स्रोत और उत्पत्ति पर निर्भर करता है तथा यह मुख्य रूप से स्ट्रैटोवोलकानो से संबंधित है।
- स्ट्रैटोवोलकानो को मिश्रित ज्वालामुखी भी कहा जाता है क्योंकि इसके जमाव की स्तरीकृत परतें ज्वालामुखी तटों का निर्माण करती हैं।
- ठंडे लावा को इसके उच्च घनत्व, घर्षण प्रकृति और संरचनाओं एवं बुनियादी ढाँचे को महत्त्वपूर्ण क्षति पहुँचाने की क्षमता के कारण अधिक विनाशकारी तथा घातक माना जाता है।
- संरचना:
- यह ज्वालामुखी विस्फोट के बिना भी घटित हो सकता है, साथ ही यह प्रायः भारी वर्षा या ज्वालामुखी की ढलानों पर भूस्खलन के कारण होता है, जो सुप्त ज्वालामुखी पदार्थ से ढके होते हैं।
- ज्वालामुखी विस्फोट स्वयं ज्वालामुखी पर उपस्थित बर्फ अथवा बर्फ को पिघलाकर निर्मित जल के साथ मिश्रित ज्वलखंडाश्मि प्रवाह के माध्यम से लहार उत्पन्न कर सकते हैं।
- ज्वलखंडाश्मि प्रवाह: विस्फोटों से अक्सर गैस और मलबे के निर्मित झुलसाने वाले गर्म बादल उत्पन्न होते हैं जिन्हें ‘ज्वलखंडाश्मि प्रवाह’ (Pyroclastic Flows) के रूप में जाना जाता है।
- ज्वालामुखीय भूस्खलन के कारण उत्पन्न झीलीय बाढ़ भी लहारों में परिवर्तित हो सकती है, क्योंकि वे अधिक मलबा एवं जल को अपने में समाहित कर लेती हैं, जिससे उनका आयतन एवं विनाशकारी क्षमता अत्यधिक रूप से बढ़ जाती है।
ठंडा लावा तथा सामान्य लावा में क्या अंतर है?
- तापमान भिन्नता: सामान्य लावा पिघला हुआ चट्टान है जो अविश्वसनीय रूप से गर्म होता है, जबकि लहार पिघली हुई नहीं होती हैं और साथ ही उसके तापमान में काफी भिन्नता हो सकती है।
- मिश्रण: लावा केवल पिघली हुई चट्टान से बना होता है, जबकि लहार जल और ज्वालामुखीय मलबे जैसे राख, चट्टान तथा रेत का मिश्रण होता है।
- शुद्ध पिघली चट्टान के बजाय सघन घोल होने के कारण लहार, ज्वालामुखी स्रोत से अधिक तीव्रता के साथ दूर तक प्रवाहित होता है।
- प्रभाव: लहार सामान्य लावा प्रवाह की तुलना में अधिक विनाशकारी और घातक हो सकते हैं, क्योंकि वे अपने तरल, प्रवाही स्वभाव तथा आगे बढ़ने के दौरान अधिक मलबे को अपने में समाहित करने की क्षमता के कारण बहुत बड़े क्षेत्र को प्रभावित तथा तबाह कर सकते हैं।
- यह गतिशीलता और अतिरिक्त सामग्री का समावेश लहारों को उनके आकार में अत्यधिक वृद्धि करने की क्षमता प्रदान करता है, जिससे उनकी विनाशकारी शक्ति और भी बढ़ जाती है।
मैग्मा बनाम लावा
- मैग्मा शब्द का प्रयोग पृथ्वी की आंतरिक पिघली हुई चट्टानों और संबंधित सामग्रियों को दर्शाने के लिये किया जाता है। मैंटल का एक कमज़ोर क्षेत्र जिसे दुर्बलतामंडल (Asthenosphere) कहा जाता है, आमतौर पर मैग्मा का स्रोत होता है।
- लावा और कुछ नहीं बल्कि पृथ्वी की सतह के ऊपर का मैग्मा है। एक बार जब यह मैग्मा ज्वालामुखी के छिद्र से पृथ्वी की सतह पर आया, तो इसे लावा कहा गया।
पंक ज्वालामुखी (Mud Volcanoes)
- पंक ज्वालामुखी या मृदा का गुंबद, मृदा या गाद,जल एवं गैसों से निर्मित एक भू-आकृति है।
- पंक ज्वालामुखी, वास्तविक आग्नेय ज्वालामुखी नहीं होते हैं क्योंकि इनसे लावा का उद्गार न होने के साथ यह आवश्यक नहीं होता है कि ये मैग्मैटिक गतिविधि से प्रेरित हों।
- पंक ज्वालामुखी 1 या 2 मीटर ऊँचे और 1 या 2 मीटर चौड़े से लेकर 700 मीटर ऊँचा तथा 10 किलोमीटर तक चौड़ा हो सकता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (A) |