पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा उत्पादन | 25 Feb 2025
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
भारत को ऊर्जा उत्पादन के पर्यावरण अनुकूल तरीकों को अपनाना आवश्यक है क्योंकि कोयला आधारित विद्युत उत्पादन से काफी अधिक वायु प्रदूषण होता है तथा फसलों, मनुष्यों एवं पशुओं को नुकसान पहुँचता है।
- ऊर्जा उत्पादन के पर्यावरण अनुकूल तरीकों में नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया जाता है, जिससे न्यूनतम प्रदूषण के साथ विद्युत उत्पादन होता है।
नोट: कोयला संयंत्रों से निकलने वाली नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और ओज़ोन के कारण भारत के कुछ भागों में गेहूँ तथा चावल की पैदावार में 10% से अधिक तक की कमी आई है।
- इससे बेहतर फसलों, सिंचाई और मशीनीकरण के बावजूद कृषि वृद्धि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
ऊर्जा उत्पादन के उपलब्ध पर्यावरण अनुकूल तरीके क्या हैं?
- ऑस्मोटिक ऊर्जा: इसके तहत मीठे जल एवं समुद्री जल के बीच ऑस्मोटिक दबाव के अंतर का उपयोग करके विद्युत उत्पादन किया जाता है।
- भारत में 7,500 किलोमीटर की विशाल तटरेखा है जहाँ नदियाँ समुद्र में मिलती हैं और इस तकनीक से संबंधित क्षेत्र में प्रभावी रूप से विद्युत का उत्पादन हो सकता है।
- ऑस्मोटिक ऊर्जा (लवणता प्रवणता ऊर्जा) का आशय ऑस्मोटिक दबाव के माध्यम से मीठे जल एवं समुद्री जल के बीच लवणता सांद्रता के अंतर का उपयोग करके विद्युत उत्पादन करना है।
- परमाणु ऊर्जा: परमाणु ऊर्जा सयंत्रों में जल को ऊष्मित करने, वाष्प बनाने और विद्युत उत्पन्न करने के उद्देश्य से टर्बाइनों का र्चक्रण करने हेतु परमाणु विखंडन का उपयोग शामिल है।
- भारत की परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता वर्ष 2024 में 8,180 मेगावाट रही और वर्ष 2031-32 तक तीन गुना वृद्धि के साथ इसके 22,480 मेगावाट होने का अनुमान है।
- सरकार ने वर्ष 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा क्षमता का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।
- बायोमास ऊर्जा: विद्युत उत्पादन के लिये जैविक पदार्थों (लकड़ी, फसल अपशिष्ट, शैवाल) का दहन किया जाता है अथवा जैव ईंधन में परिवर्तित किया जाता है।
- भारत प्रतिवर्ष 450-500 मिलियन टन बायोमास का उत्पादन करता है, जिसका देश की प्राथमिक ऊर्जा में 32% का योगदान है।
- हाइड्रोजन ईंधन सेल: ये सेल विद्युत रासायनिक अभिक्रियाओं के माध्यम से हाइड्रोजन को विद्युत में परिवर्तित करते हैं।
- इनका उपयोग वाहनों और बैकअप विद्युत प्रणालियों में किया जाता है, तथा ये उपोत्पाद के रूप में केवल जलवाष्प उत्सर्जित करते हैं।
- अपशिष्ट से ऊर्जा (WTE): यह विभिन्न प्रौद्योगिकियों के माध्यम से नगरपालिका के ठोस अपशिष्ट (MSW) और अन्य अपशिष्ट पदार्थों को विद्युत, ऊष्मा या ईंधन में परिवर्तित करता है, जैसे
- भस्मीकरण: अपशिष्ट का उच्च तापमान पर दहन कर वाष्प उत्पन्न किया जाता है, जिससे टरबाइन संचालित होते हैं और विद्युत उत्पन्न होती है।
- गैसीकरण: अपशिष्ट को सिंथेटिक गैस (CO, H₂, और CH₄ का मिश्रण) में परिवर्तित करता है, जो ईंधन के लिये कच्चा माल है।
- उत्ताप-अपघटन (Pyrolysis): जैविक अपशिष्ट को बिना ऑक्सीजन के उच्च तापमान पर विघटित किया जाता है, जिससे उपयोगी ईंधन के रूप में जैव-तेल, सिंथेटिक गैस और बायोचार का उत्पादन होता है।
- पवन ऊर्जा: इसमें पवन चक्कियाँ संस्थापित कर विद्युत उत्पन्न करने के लिये वात शक्ति का उपयोग किया जाता है।
- विश्व का चौथा सबसे बड़ा पवन ऊर्जा उत्पादक देश भारत, नौ पवन प्रभावित राज्यों में 50 गीगावाट (GW) विद्युत् उत्पन्न करता है।
- सौर ऊर्जा: इसमें घरों, इमारतों या बड़े पैमाने पर सौर फार्मों पर सौर पैनल स्थापित करना शामिल है, जो सूर्य के प्रकाश को अवशोषित कर सौर ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं।
- चीन ( प्रथम ) और संयुक्त राज्य अमेरिका ( द्वितीय ) के बाद भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक देश है।
- जलविद्युत: इसमें नदी के एक हिस्से में बाँध बनाकर पानी को रोक दिया जाता है तथा फिर विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करने के लिये पानी छोड़ दिया जाता है।
- भारत भर के शीर्ष पाँच बाँध मिलकर 50 गीगावाट जलविद्युत ऊर्जा उत्पन्न करते हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन से कारक/कारण बेंजीन प्रदूषण उत्पन्न करते हैं? (2020)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (A) केवल 1, 2 और 3 उत्तर: A प्रश्न. प्रदूषण की समस्याओं का समाधान करने के संदर्भ में जैवोपचारण (बायोरेमीडिएशन) तकनीक का/के कौन-सा/से लाभ है/हैं? (2017)
नीचे दिये गए कूट का उपयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: C |