भारत के मुख्य न्यायाधीश ने मुंबई में नवीन प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (SAT) परिसर के उद्घाटन के दौरान भारत के बढ़ते बाज़ारों और वित्तीय लेनदेन के साथ तालमेल बनाए रखने के लिये अतिरिक्त प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (SAT) बेंचों की आवश्यकता पर बल दिया है।
मुख्य न्यायाधीश ने न्यायाधिकरण को प्रभावी ढंग से और पूरी क्षमता से काम करने देने के लिये SAT में रिक्तियों को बिना विलंब आपूर्ति पर बल दिया।
मुख्य न्यायाधीश ने इस बात पर ज़ोर दिया कि पर्याप्त सुरक्षा उपायों और प्रभावी विवाद समाधान वाली कानूनी प्रणाली भारत के बाज़ारों और कारोबारी परिदृश्य में निवेशकों का विश्वास बनाने के लिये महत्त्वपूर्ण है, जिससे बेहतर आर्थिक परिणाम सामने आएँगे।
SAT में एक पीठासीन अधिकारी और दो अन्य सदस्य होते हैं। SAT के पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा CJI या उनके द्वारा नामित व्यक्ति के परामर्श से की जाती है।