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भारत में चीता पुनर्वास

  • 01 Jun 2022
  • 5 min read

भारत जल्द ही मध्य प्रदेश के श्योपुर ज़िले के कुनो पालपुर में दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से लाए गए  चीतों को जंगल में छोड़ेगा। 

  • यह चीतों के अंतर-महाद्वीपीय पुनर्वास की भारत की महत्त्वाकांक्षी योजना की शुरुआत करेगा। 
  • देश का अंतिम चित्तीदार चीता वर्ष 1947 में छत्तीसगढ़ में मृत पाया गया था और वर्ष 1952 में इसे देश में विलुप्त घोषित कर दिया गया था। 
  • भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) ने कुछ साल पहले एक चीता पुनर्वास परियोजना तैयार की थी। 

 चीतों से संबंधित प्रमुख बिंदु: 

  • परिचय: 
    • चीता बड़ी बिल्ली प्रजातियों में सबसे पुरानी प्रजातियों में से एक है, जिनके पूर्वजों को पाँच मिलियन से अधिक वर्ष पूर्व मियोसीन युग में खोजा जा सकता है। 
    • चीता दुनिया का सबसे तेज़, भूमि स्तनपायी भी है जो अफ्रीका और एशिया में पाया जाता है। 
  • अफ्रीकी चीता: 
    • वैज्ञानिक नाम: एसिनोनिक्स जुबेटस 
    • विशेषताएँ: इनकी त्वचा थोड़ी भूरी और सुनहरी होती है जो एशियाई चीतों से मोटी होती है। 
      • एशियाई प्रजाति की तुलना में उनके चेहरे पर बहुत अधिक धब्बे और रेखाएँ पाई जाती हैं। 
    • वितरण: पूरे अफ्रीकी महाद्वीप में हज़ारों की संख्या में पाए जाते हैं। 
    • संरक्षण स्थिति:  

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  • एशियाई चीता: 
    • वैज्ञानिक नाम: एसिनोनिक्स जुबेटस वेनेटिकस 
    • विशेषताएँ: यह अफ्रीकी चीता की तुलना में छोटा होता है 
      • शरीर पर बहुत अधिक फर, छोटा सिर व लंबी गर्दन,आमतौर पर इनकी आँखें लाल होती हैं और येप्रायः बिल्ली के समान दिखते हैं।. 
    • वितरण: ये केवल ईरान में पाए जाते हैं और वहाँ भी इनकी संख्या 100 से कम बची है। 
    • संरक्षण:  
      • IUCN रेड लिस्ट: ‘अति संकटग्रस्त’ (Critically Endangered) 
      • CITES: परिशिष्ट-I 
      • WPA: अनुसूची-2 

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खतरे : 

  • मानव-वन्यजीव संघर्ष, आवास की क्षति और शिकार की अनुपलब्धता एवं अवैध तस्करी। 
  • वनों की कटाई और कृषि के चलते वन भूमि एवं चीता आवासों में कमी आई है। 
  • जलवायु परिवर्तन और बढ़ती मानव जनसंख्या ने इन समस्याओं को और जटिल बना दिया है। 

भारत द्वारा संरक्षण के प्रयास: 

  • भारतीय वन्यजीव संस्थान ने सात साल पहले चीता संरक्षण के लिये 260 करोड़ रुपए की लागत से पुन: पुनर्वास परियोजना तैयार की थी। 
  • यह विश्व की पहली अंतर-महाद्वीपीय चीता स्थानांतरण परियोजना हो सकती है। 
  • पर्यावरण मंत्रालय ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की 19वीं बैठक में 'भारत में चीते की पुनः वापसी हेतु कार्ययोजना' जारी की थी। 
  • राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने अगले 5 वर्षों के भीतर नामीबिया से 50 अफ्रीकी चीते लाने का फैसला किया है। 

कुनो नेशनल पार्क की मुख्य विशेषताएँ:  

  • मध्य प्रदेश का कुनो राष्ट्रीय उद्यान सभी वन्यजीव प्रेमियों के लिये सबसे अनूठे स्थलों में से एक है। 
  • इसमें चितल, सांभर, नीलगाय, जंगली सुअर, चिंकारा और मवेशियों की स्वस्थ आबादी पाई जाती है। 
  • इस वर्ष की शुरुआत में एक बाघ को वापस रणथंभौर में भेज दिये जाने के बाद वर्तमान में इस उद्यान में बड़े मांसाहारी जानवर केवल तेंदुआ और धारीदार लकड़बग्घा ही हैं।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

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