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CCSEA ने आवारा कुत्तों को वैक्सीन परीक्षण से बाहर रखा

  • 20 Oct 2023
  • 5 min read

स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया

हाल ही में भारत में जानवरों पर अनुप्रयोगों के नियंत्रण और पर्यवेक्षण के लिये समिति (CCSEA) ने वैक्सीन परीक्षणों में आवारा कुत्तों को शामिल करने की अपनी सिफारिश वापस ले ली है।

  • पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने अनुसंधान में आवारा कुत्तों पर अनुप्रयोग के वैज्ञानिक और नैतिक प्रभावों के संबंध में चिंता व्यक्त की, जिसके कारण यह निर्णय लिया गया।

आवारा कुत्तों पर वैक्सीन परीक्षण अनुप्रयोग की CCSEA की सिफारिश को लेकर चिंताएँ:

  • PETA ने इस बात पर ज़ोर दिया कि वैक्सीन परीक्षणों में आवारा कुत्तों को शामिल करने की CCSEA की सिफारिश पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 तथा पशुओं के प्रजनन और अनुप्रयोग (नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण) संशोधन नियम, 2006 के तहत उसके दायित्वों का खंडन करती है।
    • साथ ही इसमें बताया गया है कि आवारा कुत्तों पर अनुप्रयोग करने की सिफारिश विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत के समकक्षों- यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया द्वारा अपनाई गई नीतियों के विपरीत है।
  • PETA इंडिया के अनुसार, आवारा कुत्तों पर अनुप्रयोग करने से यह अनुमान लगाना असंभव हो जाता है कि मनुष्य टीकों पर कैसे प्रतिक्रिया करेंगे, जिससे कुशल उपचारों के अनुमोदन में देरी हो सकती है।
    • इस सिफारिश को वापस लिया जाना पशु कल्याण, उनकी सुरक्षा और वैज्ञानिक प्रगति को बढ़ावा देने की दिशा में एक सकारात्मक प्रगति का प्रतिनिधित्व करती है।

नोट: PETA इंडिया पशु अधिकार संगठन है। यह एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) है जो व्यवसाय और समाज में पशु दुर्व्यवहार को समाप्त करने के लिये कार्य करता है।

  • PETA इंडिया का मिशन: पशु क्रूरता के विषय में जागरूकता बढ़ाना, नीति निर्माताओं और जनता को शिक्षित करना तथा सभी जानवरों के प्रति सम्मान को बढ़ावा देना।

पशुओं पर अनुप्रयोग संबंधी नियंत्रण और पर्यवेक्षण समिति

  • परिचय:
    • CCSEA पशु क्रूरता निवारण (PCA) अधिनियम, 1960 के तहत गठित पशुपालन और डेयरी विभाग (DAHD), मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय (MoFAH) की एक वैधानिक समिति है।
  • प्रकार्य:
    • पशुओं को उन पर प्रयोगों से पहले, उसके दौरान अथवा उसके बाद अनावश्यक कष्ट अथवा पीड़ा का सामना न करना पड़े यह सुनिश्चित करने हेतु CCSEA द्वारा सभी उचित कदम उठाए जाते हैं।
    • इस उद्देश्य की प्राप्ति हेतु समिति ने पशुओं पर प्रयोग को विनियमित करने के लिये पशुओं के प्रजनन एवं प्रयोग (नियंत्रण और पर्यवेक्षण) नियम, 1998 (2001 एवं 2006 में संशोधित) की रूपरेखा तैयार की।
      • उपरोक्त नियमों के प्रावधानों के तहत चिकित्सा अनुसंधान, प्रयोगशाला में पशुओं के प्रजनन एवं उनके व्यापार से संबंधित प्रतिष्ठानों को CPCSEA के साथ स्वयं का पंजीकरण कराना आवश्यक है।

पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960:

  • यह भारत की संसद द्वारा पारित एक अधिनियम है जो पशुओं को अनावश्यक कष्ट अथवा पीड़ा पहुँचाने से रोकने का प्रावधान करता है।
    • वर्ष 1960 के अधिनियम ने वर्ष 1890 के अधिनियम का स्थान लिया, जो कि मूल रूप से पारित किया गया था।
  • यह अधिनियम पशुओं से संबंधित क्रूरता, अनावश्यक कष्ट, अत्यधिक श्रम, यातना, दुर्व्यवहार की रोकथाम और सुरक्षा का प्रावधान करता है।
    • भारतीय पशु कल्याण बोर्ड की स्थापना भी इस अधिनियम के तहत की गई थी।
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