प्रारंभिक परीक्षा
CCPA और लंबित मामले
- 03 Jul 2024
- 7 min read
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (Central Consumer Protection Authority- CCPA) ने एक एडटेक प्लेटफॉर्म (Edtech Platform) के विज्ञापन पर 3 लाख रुपए का ज़ुर्माना लगाया, जिसे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 21 के तहत "झूठा और भ्रामक" पाया गया।
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) क्या है?
- परिचय:
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (CPA), 2019 की धारा 10 के तहत स्थापित नियामक निकाय है, यह उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन और अनुचित व्यापार प्रथाओं से संबंधित मामलों को नियंत्रित करता है।
- यह अधिनियम CCPA को झूठे या भ्रामक विज्ञापनों को रोकने तथा उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अधिकार देता है।
- यह उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (CPA), 2019 की धारा 10 के तहत स्थापित नियामक निकाय है, यह उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन और अनुचित व्यापार प्रथाओं से संबंधित मामलों को नियंत्रित करता है।
- CPA अधिनियम की धारा 21:
- CPA, 2019 की धारा 21 CPA को झूठे या भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ निर्देश और दंड जारी करने की शक्ति प्रदान करती है। यह भ्रामक विज्ञापन की परिभाषा, CPA की शक्तियाँ और दंड (2 वर्ष तक की कैद और 10 लाख रुपए तक का ज़ुर्माना) प्रदान करता है।
- उपभोक्ताओं को लाभ:
- सूचित उपभोक्ता: CCPA भ्रामक विपणन को रोककर सूचित उपभोक्ता निर्णय लेने में सक्षम बनाता है।
- पारदर्शी विज्ञापन: CCPA हस्तक्षेप सत्य विज्ञापन प्रथाओं को बढ़ावा देते हैं
- विश्वसनीय दावे: CCPA भ्रामक दावों को हतोत्साहित करता है, जिससे उपभोक्ता का विश्वास बढ़ता है।
- निष्पक्ष प्रतिस्पर्द्धा: यह भ्रामक दावों के बजाय उत्पाद की योग्यता के आधार पर प्रतिस्पर्द्धा सुनिश्चित करता है।
केस स्टडी
छुट्टियों के निलंबन के माध्यम से उपभोक्ता न्यायालयों में लंबित मामलों को कम करना:
- राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (National Consumer Disputes Redressal Commission) और राज्य उपभोक्ता आयोगों ने पारंपरिक ग्रीष्मकालीन अवकाश प्रथाओं (Practices) को निलंबित करके लंबित मामलों के निपटान के लिये काम किया है।
- पृष्ठभूमि:
- CCPA की स्थापना (जुलाई 2020) के बाद से 415,104 मामले दर्ज किये गए हैं और 440,971 मामलों का निपटारा किया गया है, जो सकारात्मक रुझान दर्शाता है।
- हालाँकि दिसंबर 2022 तक उपभोक्ता आयोगों के समक्ष 555,000 मामले लंबित हैं।
- CCPA की स्थापना (जुलाई 2020) के बाद से 415,104 मामले दर्ज किये गए हैं और 440,971 मामलों का निपटारा किया गया है, जो सकारात्मक रुझान दर्शाता है।
- बैकलॉग के बारे में:
- वर्ष 2022 में NCDRC ने राज्य उपभोक्ता आयोगों के लिये गर्मियों की छुट्टियों को स्थगित करना शुरू कर दिया।
- NCDRC ने CCPA के प्रावधानों का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि सभी आयोगों को राज्य सरकार द्वारा निर्धारित अवकाश अनुसूची का पालन करना चाहिये और किसी भी राज्य कार्यालय में गर्मियों की छुट्टी का कोई प्रावधान नहीं है।
- प्रभाव और परिणाम:
- वर्ष 2022 में, NCDRC को 3,420 मामले प्राप्त हुए और 4,138 मामलों का समाधान किया गया, जबकि 2021 में 2,449 मामले प्राप्त हुए तथा 2,011 मामलों का समाधान किया गया।
- वर्ष 2023 में, NCDRC को 5,276 मामले प्राप्त हुए और 6,422 मामलों का समाधान किया गया, जिससे लंबित मामलों में और कमी आई।
- मई 2024 तक उपभोक्ता आयोगों ने 70,576 मामलों का समाधान किया है, जबकि 69,615 मामले दायर किये गए हैं, जो लंबित मामलों के निपटान में सकारात्मक रुझान दर्शाता है।
- ई-कोर्ट की शुरुआत ने उपभोक्ता विवाद निवारण प्रक्रिया की दक्षता बढ़ाने में भी योगदान दिया है।
नोट
- उपभोक्ता फोरम को ज़िला, राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर वर्गीकृत किया गया है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अनुसार, दावे के मूल्य के आधार पर शिकायत दर्ज की जा सकती है।
- 50 लाख रुपए तक के दावों के लिये ज़िला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (DCDRC)।
- 50 लाख रुपए से 2 करोड़ रुपए के बीच के दावों के लिये राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (SCDRC)।
- 2 करोड़ रुपए से अधिक के दावों के लिये राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC)।
उपभोक्ता संरक्षण हेतु पहल क्या हैं?
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न: भारत में कानून के प्रावधानों के तहत 'उपभोक्ताओं' के अधिकारों/विशेषाधिकारों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2012)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: c |