रैपिड फायर
CBDT ने सेफ हार्बर नियमों में किया विस्तार
- 26 Mar 2025
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने सेफ हार्बर प्रावधानों के दायरे में विस्तार करने के उद्देश्य से आयकर नियम, 1962 में संशोधन किया, जिसका उद्देश्य कर निश्चितता बढ़ाना और इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में अंतरण मूल्य निर्धारण से संबंधित विवादों को कम करना है।
- संशोधन: सेफ हार्बर के लाभ की सीमा 200 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 300 करोड़ रुपए कर दी गई है, जो आकलन वर्ष 2025-26 और 2026-27 पर लागू होगा।
- इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड वाहनों में प्रयुक्त लिथियम-आयन बैटरियाँ अब सेफ हार्बर नियमों के अंतर्गत पात्र मुख्य ऑटो घटकों का हिस्सा हैं।
- उद्योग प्रभाव: बड़ी कंपनियों के लिये, उच्च सीमाएँ स्थानांतरण मूल्य निर्धारण विवादों के विरुद्ध व्यापक सुरक्षा जाल प्रदान करती हैं।
- EV उद्योग के लिये, ये परिवर्तन भारतीय स्वच्छ गतिशीलता पारिस्थितिकी तंत्र में निवेश और विनिर्माण को प्रोत्साहित करते हैं।
- सेफ हार्बर: उन परिस्थितियों को संदर्भित करता है जिसमें आयकर प्राधिकारी करदाता द्वारा घोषित हस्तांतरण मूल्य को स्वीकार करते हैं।
- स्थानांतरण मूल्य, एक ही बहुराष्ट्रीय उद्यम (MNE) समूह के भाग वाली संबंधित संस्थाओं के बीच लेनदेन में लिया जाने वाला वास्तविक मूल्य है।
- आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 92CB के तहत सेफ हार्बर नियमों को परिभाषित किया गया है, और धारा 92C और 92CA के तहत कंपनियाँ सेफ हार्बर सीमा के भीतर होने पर बिना किसी विवाद के आर्म्स लेंथ प्राइस (वह मूल्य जिस पर असंबंधित पक्ष खुले बाज़ार में व्यापार करेंगे) की घोषणा कर सकती हैं।