कैस्पियन सागर | 13 Dec 2024

स्रोत: द हिंदू

कजाकिस्तान की सरकारी स्वामित्व वाली ऊर्जा कंपनी, काज़मुनयगैस (KazMunayGas) ने कैस्पियन सागर के तटों पर महत्त्वपूर्ण तेल अपशिष्ट को सफलतापूर्वक शुद्ध किया है, जो प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों से प्रभावित है।

  • अवस्थिति: यह एशिया और यूरोप के बीच, काकेशस पर्वतमाला के पूर्व में और मध्य एशियाई मैदान के पश्चिम में स्थित है।
    • इसकी सीमा रूस (उत्तरपश्चिम), अज़रबैजान (पश्चिम), ईरान (दक्षिण), तुर्कमेनिस्तान (दक्षिणपूर्व) और कज़ाकिस्तान (उत्तरपूर्व) से लगती है।
  • संरचना और विशेषताएँ: कैस्पियन सागर कभी प्रागैतिहासिक समुद्र का हिस्सा था जिसे पैराटेथिस के नाम से जाना जाता था। भूमि को ऊपर उठाने वाली टेक्टोनिक शक्तियों और समुद्र के स्तर में गिरावट के कारण 5 मिलियन वर्ष से भी अधिक पहले कैस्पियन सागर ज़मीन से घिरा हुआ था।
  • तकनीकी रूप से यह एक झील है, क्योंकि यह समुद्र से सीधे संपर्क के बिना भूमि से घिरा हुआ है। यह  विश्व का सबसे बड़ा अंतर्देशीय जल निकाय है।
  • नदियाँ: तीन प्रमुख नदियाँ वोल्गा, यूराल और टेरेक कैस्पियन में गिरती हैं।
  • संसाधनों से समृद्ध: अपतटीय और तटीय क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण तेल और प्राकृतिक गैस भंडार हैं। कैस्पियन सागर विश्व के अधिकांश कैवियार (विभिन्न बड़ी मछलियों के अंडे) के उत्पादन के लिये जाना जाता है।

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