भारत में कार्ड टोकनाइज़ेशन | 01 Feb 2025
स्रोत: बिज़नेस लाइन
कार्ड टोकनाइज़ेशन भारत में एक महत्त्वपूर्ण तकनीकी प्रगति बन गया है, जो डिजिटल भुगतान में सुरक्षा और ग्राहक सुविधा को बढ़ाता है।
- दिसंबर 2024 तक 91 करोड़ से अधिक टोकन जारी किये गए और लगभग 98% ई-कॉमर्स लेनदेन को वास्तविक कार्ड डेटा के बिना संसाधित करने में सक्षम बनाया गया, जिससे डेटा उल्लंघनों का जोखिम कम हो गया।
- टोकनाइज़ेशन: यह वास्तविक कार्ड विवरण के स्थान पर एक अद्वितीय कोड या "टोकन" देता है, जो लेनदेन के दौरान एक सुरक्षित पहचानकर्त्ता के रूप में कार्य करता है।
- प्रकार: डिवाइस टोकेनाइज़ेशन (प्रत्येक डिवाइस के लिये विशिष्ट ) और कार्ड-ऑन-फाइल टोकेनाइज़ेशन (प्रत्येक व्यापारी के लिये विशिष्ट )।
- सुरक्षा लाभ: टोकन व्यापारियों को संवेदनशील कार्ड विवरण संग्रहीत करने से रोकते हैं, तथा सुरक्षा भंग होने की स्थिति में ग्राहकों की जानकारी सुरक्षित रखते हैं।
- भावी विस्तार: टोकनाइज़ेशन के ई-कॉमर्स से आगे बढ़कर संपर्क रहित भुगतान, आवर्ती लेनदेन और संभावित रूप से UPI-लिंक्ड क्रेडिट कार्ड भुगतान तक बढ़ने की उम्मीद है।
- साइबर सुरक्षा विनियम: अक्तूबर 2022 में, RBI ने आदेश दिया कि व्यापारी और भुगतान प्रोसेसर अब ग्राहक कार्ड डेटा संग्रहीत नहीं करेंगे, पूरी तरह से टोकनाइज़ेशन पर निर्भर रहेंगे।
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