कैंसर की दवाएँ टिस्लेलिज़ुमैब और ज़ानुब्रुटिनिब | 24 May 2024
स्रोत: द हिंदू
भारत को टिस्लेलिज़ुमैब (Tislelizumab) और ज़ानुब्रुटिनिब (Zanubrutinib) नाम की दो नई कैंसर दवाएँ प्राप्त होने वाली हैं।
- टिस्लेलिज़ुमैब, एक नई इम्यूनोथेरेपी दवा, उन्नत एसोफेजियल स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (कैंसर जो अन्नप्रणाली के अंदर की पतली, सपाट कोशिकाओं में बनता है) के इलाज में प्रभावशीलता दिखा रही है।
- ज़ानुब्रुटिनिब नामक दवा ब्रूटन टायरोसिन कीनेज़ (Bruton's Tyrosine Kinase- BTK) नामक प्रोटीन को नियंत्रित करती है, जो कुछ कैंसरग्रस्त रक्त कोशिकाओं के विकास और अस्तित्व के लिये आवश्यक है।
- इसे विशिष्ट प्रकार के रक्त कैंसर के उपचार के लिये अनुमोदित किया गया है।
- यह कैंसर रोगों के एक समूह को संदर्भित करता है जो शरीर में असामान्य कोशिकाओं के अनियंत्रित प्रसार से होता है, जो स्वस्थ ऊतकों और अंगों में नुकसान पहुँचा सकते हैं।
- वर्ष 2019 में भारत में 1.2 मिलियन कैंसर के नए मामले और लगभग 930,000 मौतें हुईं, जिससे यह उस वर्ष एशिया में इस बीमारी में दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्त्ता बन गया।
- भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के अनुसार, देश में कैंसर के मामले वर्ष 2022 में 14.6 लाख से बढ़कर 2025 में 15.7 लाख होने का अनुमान है।
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