कैलिफाॅर्नियम | 23 Aug 2024
स्रोत : इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में बिहार के गोपालगंज में पुलिस ने 50 ग्राम अत्यधिक रेडियोधर्मी धातु कैलिफाॅर्नियम ज़ब्त किया, जिसकी अनुमानित कीमत 850 करोड़ रुपए है।
- कैलिफाॅर्नियम एक चांदी जैसी सफेद धातु है, जो कमरे के तापमान पर वायु के संपर्क में आने पर धीरे-धीरे फीकी पड़ जाती है।
- यह इतनी नरम और लचीली होती है कि इसे रेज़र ब्लेड से काटा जा सकता है और इसकी वर्णक्रमीय रेखाओं की पहचान सुपरनोवा में की गई है।
- कैलिफाॅर्नियम का रासायनिक संकेत ‘Cf’ और परमाणु क्रमांक 98 है।
- वर्ष 1950 में बर्कले में निर्मित यह एक शक्तिशाली न्यूट्रॉन उत्सर्जक है।
- इसका उपयोग पोर्टेबल मेटल डिटेक्टरों में सोने और चाँदी के अयस्कों की पहचान करने, कुओं में जल और तेल की परतों का पता लगाने तथा हवाई जहाज़ों में धातु की तन्यता का पता लगाने के लिये किया जाता है।
- जब विकिरण चिकित्सा निरर्थक हो जाती है तब कैलिफाॅर्नियम (Cf-252) से उत्सर्जित न्यूट्रॉन का उपयोग मस्तिष्क और गर्भाशय-ग्रीवा के कैंसर के उपचार के लिये किया जाता है।
- अत्यधिक रेडियोधर्मी और अत्यंत महँगी होने के कारण कैलिफोर्नियम की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में लगभग 17 करोड़ रुपए प्रति ग्राम है (जो विश्व के सबसे महंगे पदार्थों में से एक है)।
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