भारत में उपचुनाव | 12 May 2023

हाल ही में पंजाब राज्य में एक लोकसभा सीट एवं उत्तर प्रदेश, मेघालय और ओडिशा में चार विधानसभा सीटों में उपचुनाव किये गए।

उपचुनाव:  

  • परिचय: 
    • उपचुनाव, जिसे विशेष चुनाव के रूप में भी जाना जाता है, भारत के विधायी निकायों में रिक्त सीटों को भरने के लिये आयोजित चुनावों को संदर्भित करता है।
    • यह व्यापक चुनावी चक्र के भीतर एक महत्त्वपूर्ण घटक के रूप में कार्य करता है और अप्रत्याशित रिक्तियों को संबोधित करके नियमित चुनावों को पूर्ण करता है।
  • उद्देश्य:  
    • उपचुनावों का प्राथमिक उद्देश्य रिक्त सीटों की समय पर फाइलिंग सुनिश्चित करना है, जिससे विधायी निकाय में प्रभावित निर्वाचन क्षेत्र या ज़िले का प्रतिनिधित्व हो सके।
  • परिस्थिति:  
    • उपचुनाव तब आयोजित किये जाते हैं जब विधायिका में कोई सीट निलंबन, इस्तीफे, अयोग्यता या मौजूदा सदस्य के निष्कासन जैसे कारणों से खाली हो जाती है।
  • निर्धारित समय-सीमा:  
    • जन प्रतिनिधित्त्व अधिनियम, 1951 की धारा 151A निर्वाचनआयोग को संसद और राज्य विधानमंडलों के सदनों में आकस्मिक रिक्तियों की तारीख से छह महीने के भीतर उपचुनावों के माध्यम से भरने हेतु अधिदेशित करती है, बशर्ते कि कार्यकाल की शेष अवधि एक वर्ष या उससे अधिक हो।
    • इसलिये यदि लोक सभा की शेष अवधि सीट खाली होने की तारीख से एक वर्ष से कम है तो उपचुनाव कराने की कोई आवश्यकता नहीं है।
  • प्रभाव:  
    • राजनीतिक परिदृश्य पर प्रभाव: उपचुनाव अक्सर राजनीतिक दलों और उनकी लोकप्रियता के लिये एक लिटमस टेस्ट के रूप में काम करते हैं।
    • वे पार्टियों को जनता की भावनाओं का सम्मान करने और उनके समर्थन के आधार का आकलन करने का अवसर प्रदान करते हैं।
    • सरकार के बहुमत पर प्रभाव: उपचुनाव के नतीजे सत्तारूढ़ सरकार के बहुमत को प्रभावित कर सकते हैं।
    • यदि सत्तारूढ़ दल उपचुनावों में महत्त्वपूर्ण संख्या में सीटें खो देता है, तो इससे विधायी निकाय में बहुमत का नुकसान हो सकता है जो सरकार की स्थिरता और निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
    • चुनावी रणनीतियों का परीक्षण: उपचुनाव राजनीतिक दलों को अपनी चुनावी रणनीतियों का परीक्षण करने और अपने अभियान के दृष्टिकोण को सुनिश्चित करने  के लिये एक अवसर प्रदान करते हैं।
      • पार्टियाँ उपचुनावों के दौरान उम्मीदवारों के चयन, अभियान के विषयों और संदेश के साथ उचित प्रयोग कर सकती हैं, जो बाद के चुनावों में उनकी रणनीतियों को प्रभावित कर सकता है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न:  

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017) 

  1. भारत का चुनाव आयोग पाँच सदस्यीय निकाय है।
  2. केंद्रीय गृह मंत्रालय आम चुनाव और उपचुनाव दोनों के संचालन के लिये चुनाव कार्यक्रम तय करता है।
  3. चुनाव आयोग मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के विभाजन/विलय से संबंधित विवादों का समाधान करता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 2 और 3
(d) केवल 3 

उत्तर: (d) 

स्रोत: द हिंदू