रैपिड फायर
पेरिस समझौते के अंतर्गत BTR और BUR
- 21 Feb 2025
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स्रोत: TH
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) भारत की पहली द्विवार्षिक पारदर्शिता रिपोर्ट (Biannual Transparency Report- BTR) का निष्पक्ष विशेषज्ञ मूल्यांकन करेगा, जिसे पेरिस समझौते के तहत प्रस्तुत किया जाना है।
- BTR: जलवायु कार्रवाई में खुलापन बढ़ाने के लिये, सरकारों को पेरिस समझौते, 2015 के तहत प्रत्येक दो वर्ष में BTR प्रस्तुत करना आवश्यक है। सबसे कम विकसित देश (LDC) और छोटे द्वीप विकासशील राज्य (SIDS) इसे प्रस्तुत करने के लिये स्वतंत्र हैं।
- ये रिपोर्टें राष्ट्रीय ग्रीनहाउस गैस (GHG) सूची, राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) और जलवायु अनुकूलन उपायों पर प्रगति को संरेखित करती हैं।
- BUR: भारत ने पहले द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्ट (Biannual Update Reports- BUR) प्रस्तुत की, जिसमें अंतिम रिपोर्ट 2024 ( BUR-4) में 2020 तक के आँकड़ें शामिल हैं।
- BUR 4 की मुख्य विशेषताएँ:
- भारत का गैस उत्सर्जन: कार्बन डाइऑक्साइड (80.53%), मीथेन (13.32%), नाइट्रस ऑक्साइड (5.13%), और अन्य 1.02%।
- क्षेत्रवार उत्सर्जन: ऊर्जा (75.66%), कृषि (13.72%), औद्योगिक प्रक्रिया और उत्पाद उपयोग (IPPU) (8.06%), और अपशिष्ट (2.56%)।
- वन एवं वृक्ष आवरण: 522 मिलियन टन (mt) CO₂ संग्रहित किया गया, जो वर्ष 2020 में देश के कुल कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में 22% की कमी लाने के बराबर है।
- उत्सर्जन तीव्रता में कमी: उत्सर्जन तीव्रता में 36% की कमी (2005-2020), भारत वर्ष 2030 तक 45% की कमी के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर है।
- वर्ष 2020 तक, भूमि उपयोग, भूमि उपयोग परिवर्तन और वानिकी (LULUCF) को छोड़कर भारत का उत्सर्जन 2,959 मीट्रिक टन CO2e, जबकि LULUCF को शामिल करते हुए, शुद्ध उत्सर्जन 2,437 मीट्रिक टन CO2e था।
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