संसदीय विशेषाधिकारों का हनन | 06 Feb 2025
स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर टिप्पणी किये जाने के पश्चात् कुछ सांसदों के खिलाफ संसदीय विशेषाधिकार हनन का औपचारिक नोटिस दायर किया गया।
- विशेषाधिकार का उल्लंघन तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी सदस्य या सदन के विशेषाधिकारों, अधिकारों या उन्मुक्तियों की अवहेलना करता है या उन पर आक्षेप करता है।
- परिचय: संसदीय विशेषाधिकार और उन्मुक्ति सांसदों और विधायकों को बाहरी हस्तक्षेप के बिना उनका प्रभावी कार्य-चालन सुनिश्चित करने हेतु प्रदत्त विशेष अधिकार हैं।
- स्रोत:
- संविधान का अनुच्छेद 105, 122, 194 और 212।
- संसदीय परंपराएँ (वर्ष 1947 की ब्रिटिश संसदीय परिपाटी पर आधारित)।
- प्रक्रिया एवं कार्य-संचालन नियम (लोकसभा और राज्यसभा)
- न्यायिक निर्वाचन (सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के निर्णय)
- सांविधिक विधियाँ (संसद द्वारा अधिनियमित विधियाँ) (वर्तमान में, संसदीय विशेषाधिकारों को परिभाषित करने वाला संसद का कोई अधिनियम नहीं है)।
- संसदीय विशेषाधिकार में शामिल हैं:
- वैयक्तिक विशेषाधिकार: अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, विधिक कार्यवाही से उन्मुक्ति, गिरफ्तारी से उन्मुक्ति आदि।
- सामूहिक विशेषाधिकार: गुप्त बैठकें, अन्वेषण शक्तियाँ, न्यायिक उन्मुक्ति आदि।
- अनुच्छेद 87 के तहत, राष्ट्रपति, लोकसभा के लिये प्रत्येक साधारण निर्वाचन के पश्चात् प्रथम सत्र के आरंभ में और प्रत्येक वर्ष के प्रथम सत्र के आरंभ में एक साथ समवेत संसद के दोनों सदनों में अभिभाषण करेगा।
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