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भवन एवं अन्य निर्माण कार्य से संबद्ध श्रमिक योजना

  • 16 Aug 2023
  • 5 min read

हाल ही में श्रम और रोज़गार मंत्री ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में भवन और अन्य निर्माण से संबद्ध श्रमिक (रोज़गार एवं सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 1996 के विषय में महत्त्वपूर्ण जानकारी साझा की।

भवन और अन्य निर्माण से संबद्ध श्रमिक (रोज़गार एवं सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 1996:

  • परिचय: 
    • आमतौर पर BOCW अधिनियम के रूप में प्रचलित भवन और अन्य निर्माण कार्य से संबद्ध श्रमिक (रोज़गार एवं सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 1996 निर्माण क्षेत्र में श्रमिकों के अधिकारों तथा हितों की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाता है।
  • प्रमुख प्रावधान:
    • कल्याण निधि का प्रबंधन करने और पंजीकृत श्रमिकों को दुर्घटना बीमा, चिकित्सा सहायता, शिक्षा, आवास, पेंशन आदि जैसे विभिन्न लाभ प्रदान करने के लिये राज्य कल्याण बोर्डों का गठन।
    • काम के घंटे तय करना, ओवरटाइम/समय से अधिक काम के लिये मज़दूरी, कुछ प्रकार के भवन अथवा अन्य निर्माण कार्यों में कुछ व्यक्तियों के रोज़गार पर प्रतिबंध, पेयजल, शौचालय, मूत्रालय, आवास, क्रेच, प्राथमिक चिकित्सा, कैंटीन आदि का प्रावधान।
    • प्रत्येक प्रतिष्ठान में सुरक्षा समितियों और सुरक्षा अधिकारियों की स्थापना एवं भवन निर्माण श्रमिकों की सुरक्षा तथा स्वास्थ्य के लिये नियम बनाना।
    • यह निर्माण की लागत के 1-2% पर उपकर लगाने और संग्रह करने का प्रावधान करता है, जैसा कि केंद्र सरकार अधिसूचित कर सकती है।
  • पात्र लाभार्थी: 
    • इसके प्रावधानों के अनुसार, अठारह से साठ वर्ष की आयु का कोई भी श्रमिक, जो पिछले बारह महीनों में कम-से-कम नब्बे दिनों के लिये भवन या निर्माण गतिविधियों में लगा हो, राज्य कल्याण बोर्ड के साथ लाभार्थी के रूप में पंजीकरण के लिये पात्र है।
  • कार्यान्वयन: 
    • भवन तथा निर्माण श्रमिकों के लिये जीवन और विकलांगता कवर से लेकर स्वास्थ्य, मातृत्त्व सहायता, पारगमन आवास तथा कौशल विकास तक कल्याणकारी योजनाओं का कार्यान्वयन, अधिनियम की धारा 22 के तहत राज्य/केंद्रशासित प्रदेश BOCW कल्याण बोर्डों को सौंपा गया है।
      • ये कल्याणकारी उपाय निर्माण क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाले श्रमिकों की आजीविका और कल्याण को बढ़ाने का प्रयास करते हैं।
  • पंजीकरण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिये हालिया विकास: सरलीकरण और पहुँच की आवश्यकता को पहचानते हुए सरकार ने पंजीकरण/नामांकन प्रक्रिया को आसान बनाने के लिये विभिन्न उपाय पेश किये:
    • विशिष्ट पहचान संख्या: पंजीकृत भवन और निर्माण श्रमिकों के लिये एक विशिष्ट पहचान संख्या (Unique Identification Number) की शुरुआत का उद्देश्य पहचान प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना तथा दक्षता बढ़ाना है।
    • स्थानीय सक्षम अधिकारी: स्थानीय, नगरपालिका और पंचायत स्तरों पर सक्षम अधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल या नियुक्ति अधिक विकेंद्रीकृत और सुलभ पंजीकरण प्रक्रिया में योगदान करती है।
    • स्व-प्रमाणन: स्व-प्रमाणन का अभ्यास श्रमिकों को पंजीकरण प्रक्रिया में तेज़ी लाने, भौतिक उपस्थिति की आवश्यकता के बिना सटीक जानकारी प्रदान करने का अधिकार देता है।
    • सुविधा केंद्र और शिविर: पहुँच बढ़ाने के लिये सरकार ने नियमित शिविर आयोजित करने के साथ-साथ प्रमुख श्रम चौकों और अड्डों पर सुविधा केंद्र स्थापित किये, जो श्रमिकों को नामांकन एवं अपनी जानकारी अपडेट करने के लिये एक सुविधाजनक साधन प्रदान करते हैं।

निर्माण श्रमिकों से संबंधित अन्य सरकारी योजनाएँ:

स्रोत: पी.आई.बी.

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