ब्लू इकोनॉमी 2.0 | 08 Feb 2024
स्रोत: डाउन टू अर्थ
अंतरिम बजट की हालिया प्रस्तुति में एक एकीकृत और बहु-क्षेत्रीय रणनीति को नियोजित करते हुए, बहाली, अनुकूलन उपायों, तटीय जलीय कृषि तथा समुद्री कृषि पर केंद्रित एक नई योजना की शुरुआत के माध्यम से ब्लू इकोनॉमी/नीली अर्थव्यवस्था 2.0 को आगे बढ़ाने पर महत्त्वपूर्ण ज़ोर दिया गया।
नीली अर्थव्यवस्था क्या है?
- परिचय:
- नीली अर्थव्यवस्था या ‘ब्लू इकोनॉमी’ अन्वेषण, आर्थिक विकास, बेहतर आजीविका और परिवहन के लिये समुद्री संसाधनों के सतत् उपयोग के साथ ही समुद्री एवं तटीय पारिस्थितिक तंत्र के स्वास्थ्य के संरक्षण को संदर्भित करती है।
- भारत में, नीली अर्थव्यवस्था में नौवहन, पर्यटन, मत्स्य पालन और अपतटीय तेल एवं गैस अन्वेषण सहित कई क्षेत्र शामिल हैं।
- यह सतत् विकास लक्ष्य (SDG 14) में परिलक्षित होता है, जो स्थायी सतत् विकास के लिये महासागरों, समुद्रों और समुद्री संसाधनों का संरक्षण तथा उपयोग को दर्शाता है।
- नीली अर्थव्यवस्था की आवश्यकता:
- भारत में 7,500 किमी. लंबी तटरेखा है, साथ ही इसके विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) 2.2 मिलियन वर्ग किमी. तक विस्तृत हैं। इसके अतिरिक्त भारत 12 प्रमुख बंदरगाहों तथा 200 से अधिक अन्य बंदरगाहों एवं 30 शिपयार्ड और विविध समुद्री सेवा प्रदाताओं का एक व्यापक केंद्र है।
- यह उच्च उत्पादकता और महासागर के स्वास्थ्य के संरक्षण के लिये महासागर विकास रणनीतियों को समृद्ध करने का समर्थन करता है।
- पृथ्वी की सतह का तीन-चौथाई हिस्सा महासागरों से बना है, जिसमें कुल मौजूद जल का 97% हिस्सा है और साथ ही पृथ्वी के 99% जीवन के लिये आवास प्रदान करता है।
- विकास संभावनाएँ:
- विश्व की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में वर्तमान में वैश्विक महासागर अर्थव्यवस्था का वार्षिक मूल्य लगभग 1.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है। अनुमानों के अनुसार वर्ष 2030 तक दोगुना वृद्धि के साथ इसका मूल्य 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर होने के आसार हैं।
- समुद्री संपत्ति, जिसे नैसर्गिक पूंजी भी कहा जाता है, का कुल मूल्य 24 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर आँका गया है।
- विश्व की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में वर्तमान में वैश्विक महासागर अर्थव्यवस्था का वार्षिक मूल्य लगभग 1.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है। अनुमानों के अनुसार वर्ष 2030 तक दोगुना वृद्धि के साथ इसका मूल्य 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर होने के आसार हैं।
नीली अर्थव्यवस्था 2.0 क्या है?
- परिचय:
- इसका उद्देश्य तटीय क्षेत्रों में जलवायु-लचीली गतिविधियों तथा सतत् विकास को बढ़ावा देना है।
- समुद्री पारिस्थितिकी प्रणालियों को जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और अत्यधिक दोहन जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा जिसके परिणामस्वरूप समुद्री संसाधनों की स्थिरता तथा लचीलेपन की रक्षा के लिये समन्वित कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता है।
- घटक:
- जीर्णोद्धार तथा अनुकूलन:
- इस योजना के केंद्र में जीर्णोद्धार और अनुकूलन संबंधी उपाय शामिल हैं जिनका उद्देश्य समुद्री जल के बढ़ते स्तर तथा खराब मौसम की घटनाओं के प्रभावों को कम करने के लिये प्रभावित तटीय पारिस्थितिकी तंत्र का जीर्णोद्धार/बहाल करना एवं अनुकूलन रणनीतियों को कार्यान्वित करना शामिल है।
- ये प्रयास जैवविविधता के संरक्षण, तटीय समुदायों की सुरक्षा तथा समुद्री आवासों द्वारा प्रदान की जाने वाली पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को बनाए रखने के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।
- तटीय जलकृषि और समुद्रीकृषि का विस्तार:
- नीली अर्थव्यवस्था 2.0 योजना के तहत तटीय जलकृषि और समुद्रीकृषि का विस्तार किया जाएगा जो समुद्री भोजन की बढ़ती मांग को पूरा करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए जो वन्य मछली की मांग को कम करेगा।
- सतत् जलीय कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देकर और उन्हें पर्यटन के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा जैसे अन्य क्षेत्रों के साथ एकीकृत करके समुद्री संसाधनों की दीर्घकालिक व्यवहार्यता सुनिश्चित करते हुए तटीय समुदायों के लिये आर्थिक अवसर सृजित करना है।
- एकीकृत एवं बहुक्षेत्रीय दृष्टिकोण:
- नीली अर्थव्यवस्था 2.0 योजना द्वारा अपनाया गया एकीकृत और बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण विभिन्न क्षेत्रों की परस्पर संबद्धता तथा सरकारी विभागों, उद्योगों एवं नागरिक समाज में समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता को पहचानता है।
- सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देकर तटीय क्षेत्रों में सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये हितधारकों के सामूहिक प्रयासों का उपयोग करती है।
- जीर्णोद्धार तथा अनुकूलन:
नीली अर्थव्यवस्था से संबंधित प्रमुख सरकारी पहलें क्या हैं?
- डीप ओशन मिशन
- सागरमाला परियोजना
- ‘ओ स्मार्ट’ (O-SMART)
- सतत् विकास के लिये नीली अर्थव्यवस्था पर भारत-नॉर्वे कार्यबल
- ‘नाविक’ (NavIC)
- सतत् विकास के लिये नीली अर्थव्यवस्था पर भारत-नॉर्वे कार्यबल
- राष्ट्रीय मत्स्य नीति
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. ब्लू कार्बन क्या है? (2021) (a) महासागरों और तटीय पारिस्थितिकी प्रणालियों द्वारा प्रगृहीत कार्बन उत्तर:(a) मेन्स:प्रश्न. “नीली क्रांति” को परिभाषित करते हुए, भारत में मत्स्यपालन विकास की समस्याओं और रणनीतियों को समझाइये। (2018) |