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उद्योगों के लिये “ब्लू श्रेणी”

  • 09 Apr 2025
  • 3 min read

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने उद्योगों के लिये एक संशोधित वर्गीकरण प्रणाली शुरू की है, जिसमें आवश्यक पर्यावरणीय सेवाओं के लिये एक नई "ब्लू श्रेणी" शामिल है, जिसका उद्देश्य अपशिष्ट प्रबंधन और बायोमाइनिंग जैसे क्षेत्रों को प्रोत्साहित करना है।

  • वर्गीकरण पद्धति: यह वर्गीकरण CPCB के प्रदूषण सूचकांक (PI) पर आधारित है, जो वायु, जल और अपशिष्ट प्रदूषकों को ध्यान में रखते हुए उद्योगों को उनकी प्रदूषण क्षमता के आधार पर वर्गीकृत करता है। श्रेणियों में रेड (PI > 80), ऑरेंज (55 ≤ PI < 80), ग्रीन (PI < 25) और ब्लू (आवश्यक पर्यावरणीय सेवाओं के लिये) शामिल हैं।
  • ब्लू श्रेणी: इसमें लैंडफिल रखरखाव, बायोमाइनिंग और अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र जैसे उद्योगों को शामिल किया गया है। पर्यावरण प्रबंधन हेतु प्रोत्साहन के रूप में उन्हें संचालन हेतु सहमति हेतु दो वर्ष का विस्तार दिया जाएगा।
    • उच्च PI (97.6) के बावजूद, अपशिष्ट-से-ऊर्जा संयंत्रों को उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली आवश्यक पर्यावरणीय सेवा के कारण ब्लू श्रेणी में रखा गया है। 
    • CBG (संपीड़ित बायोगैस) संयंत्र, अपने फीडस्टॉक के आधार पर, ब्लू श्रेणी की स्थिति के लिये भी पात्र हैं।
  • CPCB: यह एक वैधानिक संगठन है, जिसका गठन जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के तहत किया गया है। इसके अलावा, CPCB को वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के तहत शक्तियाँ और कार्य सौंपे गए हैं। 
    • यह पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के अंतर्गत पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को तकनीकी सेवाएँ प्रदान करता है।

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