आर्थिक विकास के लिये भूटान की ग्रीन क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग | 24 Apr 2025
स्रोत: डी.डी.
भूटान आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिये अपनी 100% जलविद्युत का उपयोग करके ग्रीन क्रिप्टोकरेंसी के माइनिंग की संभावना तलाश रहा है।
- क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग: यह जटिल गणितीय समस्याओं (क्रिप्टोग्राफिक एल्गोरिदम जो ब्लॉकचेन को सुरक्षित करते हैं) को हल करने के लिये शक्तिशाली कंप्यूटरों का उपयोग करने की प्रक्रिया है, ताकि लेनदेन को मान्य किया जा सके और उन्हें वितरित खाता बही में जोड़ा जा सके।
- यह प्रक्रिया बिटकॉइन और एथेरियम जैसी डिजिटल मुद्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करती है, और माइनर (Miners) को नव निर्मित कॉइन्स (Coins) से पुरस्कृत किया जाता है, जिससे नई मुद्रा प्रचलन में आती है।
- ग्रीन क्रिप्टोकरेंसी: स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों जैसे जल विद्युत, पवन या सौर ऊर्जा का उपयोग करके खनन की गई डिजिटल मुद्राएँ, जीवाश्म ईंधन आधारित खनन के विपरीत हैं और वैश्विक हरित अर्थव्यवस्था का समर्थन करती हैं।
- रणनीतिक संप्रभु निवेश: वर्ष 2019 से, भूटान के सॉवरेन वेल्थ फंड ने सार्वजनिक व्यय का समर्थन करने के लिये लाभांश का उपयोग करते हुए क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है।
- भूटान अपने "ग्रीन" कॉइन्स (Green Coins) वैश्विक कंपनियों को बेचने की योजना बना रहा है, जिनका उद्देश्य पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ESG) लक्ष्यों को पूरा करना है, जिससे स्थायी विदेशी निवेश का एक नया स्रोत खुल सकता है।
- वर्ष 2024 में युवा बेरोज़गारी दर 16.5% होने तथा प्रतिभा पलायन बढ़ने के साथ, भूटान का लक्ष्य ब्लॉकचेन और AI में युवाओं को प्रशिक्षित करके तथा तकनीकी शिक्षा को रोज़गार सृजन से जोड़कर प्रतिभा को बनाए रखना है।
- जलविद्युत विस्तार: भूटान का लक्ष्य अगले 10-15 वर्षों में जलविद्युत क्षमता को 3.5 गीगावाट से बढ़ाकर 15 गीगावाट करना है, जिसमें खनन और आर्थिक विविधीकरण को समर्थन देने के लिये 33 गीगावाट का दीर्घकालिक लक्ष्य शामिल है।
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