बेपोर की उरु परंपरा | 15 Dec 2022
हाल ही में ज़िला पर्यटन संवर्धन परिषद, कोझिकोड ने प्रसिद्ध बेपोर उरु (नाव) के लिये भौगोलिक संकेतक (GI टैग) की मांग की है।
- बेपोर के उरु केरल और खाड़ी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण व्यापारिक संबंधों का प्रतीक है।
बेपोर के उरु:
- परिचय:
- बेपोर के उरु, केरल में कुशल कारीगरों और बढ़ई द्वारा दस्तकारी की गई एक लकड़ी से बनी एक ढो (जहाज़ / नौकायन नाव / नौकायन पोत) है।
- बेपोर के उरु बेहतरीन किस्म की लकड़ी से बने होते हैं और वह भी किसी आधुनिक तकनीक का उपयोग किये बिना।
- उरु को बनाने के लिये उपयोग की जाने वाली लकड़ी की कटाई अभी भी पारंपरिक तरीके से की जाती है जिसके लिये विशेष कुशलता और विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।
- प्रत्येक उरु को बनाने में 1-4 वर्ष का समय लगता है और इसे हाथों से बनाया जाता है।
- इस पारंपरिक हस्तकला का इतिहास 2000 वर्षों पुराना है जो आज भी चलन में हैं।
- उरु-निर्माण में शामिल समुदाय:
- उरु-निर्माण से जुड़े प्रमुख लोग ओडायी और खलासी (Odayis and Khalasis) हैं।
- ओडायी :
- वे जहाज़ निर्माण के तकनीकी पक्षों का प्रबंधन करते हैं।
- उनके परिवार का नाम ओडम से प्रेरित है (एक प्रकार का छोटा जहाज़ जिसे पहले मालाबार तट और लक्षद्वीप के बीच व्यापार में उपयोग किया जाता था)।
- खलासी:
- उन्हें मप्पिला खलासी भी कहा जाता है क्योंकि उनमें से अधिकांश मप्पिला मुसलमान हैं।
- वे केवल पारंपरिक तरीकों का उपयोग करके पूरे उरुस को जल में लॉन्च करने के अपने कौशल और विशेषज्ञता के लिये विश्व प्रसिद्ध हैं।
- खलासी को जहाज़ निर्माण उद्योग में अग्रणी माना जाता है, वे इन जहाज़ों के पहले प्रमुख संरक्षकों में से थे, साथ ही अरब व्यापारी विशेष रूप से उनके प्रति आसक्त थे ।
- ओडायी :
- उरु-निर्माण से जुड़े प्रमुख लोग ओडायी और खलासी (Odayis and Khalasis) हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)प्रश्न. निम्नलिखित में से किसे 'भौगोलिक संकेत' का दर्जा प्रदान किया गया है? (2015)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: C व्याख्या:
अतः विकल्प (C) सही है। प्रश्न: भारत ने वस्तुओं के भौगोलिक संकेतक(पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999 को किसके दायित्वों का पालन करने के लिये अधिनियमित किया? (2018) (a) अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन उत्तर:(d) व्याख्या:
अतः विकल्प (d) सही है। |