गणित की समस्याओं को हल करने के लिये बैक्टीरिया | 25 Nov 2024
स्रोत: द हिंदू
सिंथेटिक जीव विज्ञान में हालिया प्रगति, विशेष रूप से कोलकाता स्थित साहा इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स में गणितीय गणना करने हेतु बैक्टीरिया इंजीनियरिंग, इस क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।
- शोधकर्त्ताओं ने एस्चेरिचिया कोलाई बैक्टीरिया को जैविक कंप्यूटर के रूप में कार्य करने के लिये तैयार किया है, जो गणितीय समस्याओं को हल करने में सक्षम है, अर्थात् यह निर्धारित करना कि कोई संख्या अभाज्य है या कोई अक्षर स्वर है, आदि।
- इसे आनुवंशिक चक्र की प्रक्रिया के पश्चात् प्राप्त किया गया था, जिन्हें रासायनिक प्रेरकों द्वारा सक्रिय किया जा सकता है, जिससे ये बैक्टीरिया कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क (ANN) की तरह व्यवहार कर सकते हैं।
- टीम ने बैक्टोन्यूरॉन्स विकसित किये, जो कि ऐसे बैक्टीरिया होते हैं जो तंत्रिका नेटवर्क में न्यूरॉन्स की तरह कार्य करते हैं।
- ये बैक्टोन्यूरॉन्स रासायनिक आगतों को संसाधित करते हैं और विशिष्ट गणनाओं के आधार पर फ्लोरोसेंट प्रोटीन का उत्पादन करते हैं।
- इसमें गणितीय समस्याओं को रासायनिक यौगिकों की उपस्थिति या अनुपस्थिति द्वारा प्रदर्शित बाइनरी कोड में परिवर्तित करके, बैक्टीरिया संबंधी प्रश्नों का उत्तर फ्लोरोसेंट संकेतों के साथ "हाँ" या "नहीं" में दे सकते हैं।
- इंजीनियर बैक्टीरिया केवल सरल कार्य ही नहीं कर सकते; ये अनुकूलन समस्याओं को भी हल कर सकते हैं, जैसे कि एक पाई को एक निश्चित संख्या में सीधे कट लगाकर कितने टुकड़ों में विभाजित किया जा सकता है, इसकी गणना करना आदि।
- यह क्षमता बताती है कि बैक्टीरिया कंप्यूटर उत्तरोत्तर अधिक जटिल कम्प्यूटेशनल कार्यों को संभाल सकते हैं, जिससे संभावित रूप से विभिन्न क्षेत्रों में अनुप्रयोगों को बढ़ावा मिल सकता है।
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