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अधिकृत आर्थिक ऑपरेटर कार्यक्रम

  • 12 Jun 2024
  • 6 min read

स्रोत: इकोनोमिक टाइम्स

हाल ही में रत्न एवं आभूषण क्षेत्र को वित्त मंत्रालय द्वारा अधिकृत आर्थिक ऑपरेटर (Authorised Economic Operator- AEO) का दर्जा प्रदान किया गया है, जिससे माल की डिलीवरी का समय कम हो गया है तथा बैंक गारंटी कम हो गई है, जिससे निर्यात-आयात प्रक्रिया आसान हो गई है।

अधिकृत आर्थिक ऑपरेटर कार्यक्रम क्या है?

  • अधिकृत आर्थिक ऑपरेटर (AEO) कार्यक्रम विश्व सीमा शुल्क संगठन (World Customs Organization- WCO) के SAFE मानकों के ढाँचे के तहत वर्ष 2007 में शुरू की गई एक वैश्विक पहल है। यह दोहरे उद्देश्य को पूरा करता है:
    • अंतर्राष्ट्रीय आपूर्ति शृंखला सुरक्षा को बढ़ाना: AEO कार्यक्रम का उद्देश्य वस्तुओं की अंतर्राष्ट्रीय आवाजाही के दौरान सुरक्षा उपायों को मज़बूत करना तथा तस्करी और धोखाधड़ी से जुड़े जोखिमों को न्यूनतम करना है।
    • व्यापार प्रवाह को सुविधाजनक बनाना: कड़े सुरक्षा मानकों को पूरा करने वाले व्यवसायों को मान्यता देकर, कार्यक्रम का उद्देश्य सीमा शुल्क निकासी प्रक्रियाओं में तेज़ी लाना तथा वैध व्यापारियों के लिये होने वाले विलंब और लागत को कम करना है।
  • इसके अंतर्गत, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में संलग्न इकाई को आपूर्ति शृंखला सुरक्षा मानकों के अनुरूप WCO द्वारा अनुमोदित किया जाता है तथा AEO का दर्जा प्रदान किया जाता है।
  • AEO दर्जा प्राप्त इकाई को ‘सुरक्षित’ व्यापारी और विश्वसनीय व्यापारिक साझेदार माना जाता है।
  • AEO स्थिति के लाभों में त्वरित निकासी समय, कम जाँच तथा आपूर्ति शृंखला साझेदारों के बीच बेहतर सुरक्षा और संचार शामिल हैं।
  • AEO एक स्वैच्छिक कार्यक्रम है।
  • भारत ने वर्ष 2011 में पायलट प्रोजेक्ट, भारतीय AEO कार्यक्रम भी शुरू किया है जो WCO सेफ फ्रेमवर्क द्वारा स्थापित सुरक्षा मानकों का लाभ उठाता है।
    • यह कार्यक्रम निर्यातकों और आयातकों दोनों के लिये त्रि-स्तरीय प्रणाली प्रदान करता है, जिससे कंपनियों को सुरक्षित व्यापार प्रथाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को उत्तरोत्तर प्रदर्शित करने का अवसर मिलता है।

विश्व सीमा शुल्क संगठन (WCO)

  • विश्व सीमा शुल्क संगठन की स्थापना वर्ष 1952 में सीमा शुल्क सहयोग परिषद (Customs Co-operation Council- CCC) के रूप में की गई। यह एक स्वतंत्र अंतर-सरकारी निकाय है, जिसका उद्देश्य सीमा शुल्क प्रशासन की प्रभावशीलता और दक्षता को बढ़ाना है।
  • वर्तमान में यह पूरे विश्व के 183 सीमा शुल्क प्रशासनों का प्रतिनिधित्व करता है, जिनके द्वारा विश्व में सामूहिक रूप से लगभग 98% व्यापार किया जाता है।
  • भारत वर्ष 2018-2020 की अवधि के लिये WCO के एशिया प्रशांत क्षेत्र का उपाध्यक्ष (क्षेत्रीय प्रमुख) बना।
  • यह सीमा शुल्क मामलों को देखने में सक्षम एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, इसलिये इसे अंतर्राष्ट्रीय सीमा शुल्क समुदाय की आवाज़ कहा जा सकता है।
  • इसका मुख्यालय ब्रसेल्स, बेल्जियम में है।

सेफ फ्रेमवर्क

  • WCO परिषद ने जून 2005 में वैश्विक व्यापार को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिये सेफ फ्रेमवर्क (SAFE Framework) को अपनाया, जो अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के निवारक, राजस्व संग्रह को सुरक्षित करने तथा पूरे विश्व में व्यापार सुविधा को बढ़ावा देने के रूप में कार्य करेगा।
  • SAFE फ्रेमवर्क आपूर्ति शृंखला सुरक्षा के लिये खतरों के प्रति वैश्विक सीमा शुल्क समुदाय की ठोस प्रतिक्रिया के रूप में उभरा है, जो वैध और सुरक्षित व्यवसायों की सुविधा का समान रूप से समर्थन करता है।
  • यह आधारभूत मानकों को निर्धारित करता है, जिनका परीक्षण किया गया है और पूरे विश्व में अच्छी तरह से काम कर रहे हैं।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न1. निम्नलिखित में से किसके संदर्भ में कभी-कभी समाचारों में 'ऐम्बर बॉक्स, ब्लू बॉक्स और ग्रीन बॉक्स' शब्द देखने को मिलते हैं? (2016)

(a) WTO मामला
(b) SAARC मामला
(c) UNFCCC मामला
(d) FTA पर भारत-EU वार्ता

उत्तर: (a)


प्रश्न2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)

  1. भारत ने WTO के व्यापार सुकर बनाने के करार (TFA) का अनुसमर्थन किया है।
  2. TFA, WTO के बाली मंत्रिस्तरीय पैकेज 2013 का एक भाग है।
  3. TFA, जनवरी 2016 में प्रवृत्त हुआ।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1,2 और 3

उत्तर: (a)

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