प्रारंभिक परीक्षा
असम के मोईदाम को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने पर विचार
- 23 Jul 2024
- 7 min read
स्रोत: UNESCO
हाल ही में विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र के दौरान अहोम राजवंश के 'मोईदाम' को विश्व धरोहर स्थल सूची में शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया है।
- भारत पहली बार जुलाई 2024 में नई दिल्ली में होने वाले इस सत्र की मेजबानी कर रहा है।
- वर्तमान में यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में 168 देशों की 1,199 संपत्तियाँ शामिल हैं।
मोईदाम क्या थे?
- ये असम के चराईदेव ज़िले में अहोम साम्राज्य के शाही परिवारों के लिये बनी कब्रगाह (13वीं-19वीं शताब्दी) हैं।
- इनका निर्माण मुख्य रूप से मिट्टी, ईंटों और पत्थर से किया गया था। बाहरी संरचना में आमतौर पर मिट्टी का एक टीला होता था, जो अक्सर ईंट या पत्थर की दीवार से घिरा होता था।
- इसमें अहोम साम्राज्य के शाही परिवारों के सदस्यों के पार्थिव अवशेषों को दफनाया जाता था।
- 18वीं शताब्दी के बाद, अहोम शासकों ने हिंदू दाह संस्कार पद्धति को अपनाया और चराईदेव में दाह संस्कार की बची हड्डियों और राख को दफनाना शुरू कर दिया।
- अहोम राजवंश की ये दफन पद्दतियाँ चीन के प्राचीन शाही मकबरों और मिस्र के फिरौन के पिरामिडों से तुलनीय हैं।
अहोम साम्राज्य के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?
- परिचय:
- अहोम साम्राज्य की स्थापना वर्ष 1228 में असम की ब्रह्मपुत्र घाटी में हुई थी और इसने 600 वर्षों तक अपनी संप्रभुता बनाए रखी।
- इसकी स्थापना 13वीं शताब्दी के शासक छोलुंग सुकफा (Chaolung Sukapha) ने वर्ष 1253 में की थी।
- चराईदेव उनकी प्रारंभिक राजधानी थी, जो गुवाहाटी से 400 किमी पूर्व में स्थित थी।
- अहोम राजवंश ने लगभग 600 वर्षों तक शासन किया, जब तक कि वर्ष 1826 में यांडबू की संधि के माध्यम से अंग्रेज़ों ने असम पर कब्ज़ा नहीं कर लिया था।
- राजनीतिक व्यवस्था:
- अहोमों ने भुइयाँ (ज़मींदारों) की पुरानी राजनीतिक व्यवस्था का दमन कर एक नया साम्राज्य स्थापित किया।
- यह राज्य बलात् श्रम पर निर्भर था। राज्य के लिये इस प्रकार का श्रम करने वालों को पाइक (Paik) कहा जाता था।
- समाज:
- अहोम समाज कुलों या खेलों में विभाजित था। एक खेल के तहत प्रायः कई गाँवों को नियंत्रित किया जाता था।
- अहोम साम्राज्य के लोग अपने स्वयं के आदिवासी देवताओं की पूजा करते थे, फिर भी उन्होंने हिंदू धर्म और असमिया भाषा को स्वीकार किया।
- हालाँकि अहोम राजाओं ने हिंदू धर्म अपनाने के बाद अपनी पारंपरिक मान्यताओं को पूरी तरह से नहीं छोड़ा।
- सैन्य रणनीति:
- अहोम सेना की पूरी टुकड़ी में पैदल सेना, नौसेना, तोपखाने, हाथी, घुड़सवार सेना और जासूस शामिल थे।
- मुख्य आयुध में तीर-धनुष, तलवारें, भाले, बंदूकें, बारूद वाले आग्नेयास्त्र और तोपें शामिल थीं।
- अहोम सैनिक गुरिल्ला युद्धकला में निपुण थे। उन्होंने ब्रह्मपुत्र में नौका सेतु (Boat Bridges) बनाने की तकनीक भी सीखी।
- लाचित बोड़फुकन के नेतृत्व में अहोम नौसेना ने सन् 1671 में सरायघाट के युद्ध में औरंगज़ेब के शासनकाल के दौरान राम सिंह प्रथम की कमान वाली मुगल सेना को हराया था।
- राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के सर्वश्रेष्ठ कैडेट को लाचित बोड़फुकन स्वर्ण पदक दिया जाता है।
- यह पदक वर्ष 1999 में रक्षा कर्मियों को बोड़फुकन की वीरता और बलिदान का अनुकरण करने के क्रम में प्रेरित करने हेतु शुरू किया गया था।
- राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के सर्वश्रेष्ठ कैडेट को लाचित बोड़फुकन स्वर्ण पदक दिया जाता है।
- अहोम सेना की पूरी टुकड़ी में पैदल सेना, नौसेना, तोपखाने, हाथी, घुड़सवार सेना और जासूस शामिल थे।
यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल क्या हैं?
- विश्व धरोहर/विरासत स्थल का आशय एक ऐसे स्थान से है, जिसे यूनेस्को द्वारा उसके विशिष्ट सांस्कृतिक अथवा भौतिक महत्त्व के कारण सूचीबद्ध किया गया है।
- विश्व धरोहर स्थलों की सूची को ‘विश्व धरोहर कार्यक्रम’ द्वारा तैयार किया जाता है, यूनेस्को की ‘विश्व धरोहर समिति’ द्वारा इस कार्यक्रम को प्रशासित किया जाता है।
- यह सूची, यूनेस्को द्वारा वर्ष 1972 में अपनाई गई ‘विश्व सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण से संबंधित कन्वेंशन’ नामक एक अंतर्राष्ट्रीय संधि से संबंधित है।
- भारत में 42 विश्व धरोहर स्थल हैं (34 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 1 मिश्रित स्थल)। नवीनतम स्थलों में शांतिनिकेतन (2023) और होयसल के पवित्र मंदिर (2023) शामिल हैं।
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