अरेबियन तेंदुए और भेड़िये | 18 Oct 2023
स्रोत: डाउन टू अर्थ
ऐतिहासिक रूप से पाए जाने वाले क्षेत्रों में 98% की कमी होने के कारण वर्तमान में अरेबियन तेंदुए और भेड़िये दोनों की स्थिति गंभीर रूप से संकटग्रस्त (critically endangered) है, ऐसा माना जा रहा है कि मुख्य रूप से उत्तरी क्षेत्रों, जिसमें नेगेव तथा जुडियन रेगिस्तान शामिल हैं, में इनकी स्थिति विलुप्त (extinct) हो गई है।
ढिब और निम्र (Dhib and Nimr): ढिब और निम्र (क्रमशः भेड़िये व तेंदुए) के लिये अरबी शब्द हैं।
अरेबियन तेंदुए और भेड़िये की पहचान:
- अरेबियन भेड़िये:
- परिचय:
- अरेबियन भेड़िया (कैनिस ल्यूपस अरेब्स), भूरे भेड़िये की एक उप-प्रजाति है। अरेबियन भेड़िया विश्वभर में सबसे छोटा भेड़िया है, अपनी इस विशेषता के कारण यह वन्यजीवों में सबसे अनूठा और महत्त्वपूर्ण है।
- भौगोलिक विस्तार:
- ये भेड़िये मुख्यतः अरब प्रायद्वीप में पाए जाते हैं, जिनमें दक्षिणी इज़रायल के नेगेव रेगिस्तान और मध्य पूर्व के कुछ हिस्से शामिल हैं।
- महत्त्व:
- दक्षिणी इज़रायल के नेगेव रेगिस्तान और अरावा घाटी में अरेबियन भेड़िए प्रमुख शिकारी जानवर हैं तथा यहाँ के पारिस्थितिकी तंत्र में इनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका है। ये भेड़िये सीमित उत्पादकता व संसाधन वाले शुष्क वातावरण में जीने के लिये अनुकूलित हैं।
- अरेबियन भेड़िये सियार और लोमड़ियों जैसे छोटे कैनिडाए (मांसाहारी गण के जानवरों का एक कुल) का भक्षण कर नेगेव रेगिस्तान में पारिस्थितिकी तंत्र को विनियमित करने में मदद करते हैं।
- ये भेड़िये रेगिस्तानी पारिस्थितिकी तंत्र का एक अहम अंग हैं और शाकाहारी पशुओं की संख्या को बनाए रखने में योगदान देते हैं, जो उनके पारिस्थितिक महत्त्व को रेखांकित करता है।
- परिचय:
- अरेबियन तेंदुए:
- परिचय:
- अरेबियन तेंदुआ (पेंथेरा पार्डस निम्र), अरब प्रायद्वीप की एक और महत्त्वपूर्ण किंतु गंभीर रूप से लुप्तप्राय (critically endangered) प्रजाति है। ये तेंदुए ऐतिहासिक रूप से नेगेव और जुडियन रेगिस्तान सहित अरब प्रायद्वीप के विभिन्न हिस्सों में पाए जाते थे।
- भौगोलिक विस्तार:
- दुर्भाग्यवश, इन क्षेत्रों में अरबी तेंदुओं की स्थिति दयनीय हो गई है। वर्ष 2023 में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि ऐतिहासिक रूप से पाए जाने वाले क्षेत्रों में तेंदुओं की संख्या में अत्यंत कमी आई है जिस कारण इनकी आबादी विभिन्न क्षेत्रों में पहुँचकर खंडित हो गई है।
- नेगेव और जुडियन रेगिस्तान में संपूर्ण उत्तरी सीमा में यह प्रजाति विलुप्त (extinct) मानी जाती है।
- परिचय:
- अरेबियन तेंदुओं और भेड़ियों का संरक्षण:
- पारिस्थितिक दृष्टिकोण से देखें तो इन शाकाहारी जीवों के संरक्षण के लिये पर्याप्त शिकार की उपलब्धता, उपयुक्त आवास और मानव उत्पीड़न से सुरक्षा की आवश्यकता है।
- हालाँकि जंगली और घरेलू शिकार के लिये संघर्ष, सुभेद्य वनस्पतियों की अत्यधिक चराई एवं चरवाहों के साथ संघर्ष इनके लिये प्रमुख चुनौतियाँ हैं।
- वर्तमान में अरब भेड़ियों के साथ सह-अस्तित्त्व को बढ़ावा देने की दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं, विशेषकर चरवाहे वाले क्षेत्रों में। साथ ही पारिस्थितिक तंत्र में इन भेड़ियों की भूमिका के विषय में शिक्षा व जागरूकता को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- भेड़ियों के संरक्षण व उनके अस्तित्त्व को बनाए रखने के लिये आवश्यक है कि न केवल भेड़िये, बल्कि वे जिन जानवरों का शिकार करते हैं, मनुष्यों द्वारा उन जानवरों के भी शिकार दर को कम किये जाने की आवश्यकता है।
दोनों जानवरों का वर्तमान संदर्भ:
- इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र में इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे संघर्ष के कारण अरबी तेंदुओं के संरक्षण प्रयासों में व्यवधान उत्पन्न हो सकते हैं।
- सशस्त्र संघर्षों में तेंदुए जैसे बड़े मांसभक्षी जानवरों की अनुक्रियाएँ भिन्न हो सकती हैं और इनके सफल संरक्षण के लिये विभिन्न क्षेत्रों के बीच समन्वय आवश्यक है।
- संरक्षण प्रयासों के अंतर्गत संभावित रूप से संघर्ष में मानव समूहों को आपस में जोड़ना, प्राकृतिक धरोहर के साझा संरक्षण को बढ़ावा देने के साधन के रूप में कार्य कर सकता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा जानवरों का समूह संकटापन्न प्रजातियों की श्रेणी में आता है? (2012) (a) ग्रेट इंडियन बस्टर्ड, मस्क हिरन, लाल पांडा और एशियाई जंगली गधा उत्तर: (a) |