अमृत भारत स्टेशन योजना | 09 Aug 2023
हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने अमृत भारत स्टेशन योजना के एक भाग के रूप में पूरे भारत में 27 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में विस्तृत 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी।
- इस व्यापक पुनर्विकास परियोजना, जिसकी अनुमानित लागत 24,470 करोड़ रुपए से अधिक है, का उद्देश्य रेलवे स्टेशनों को आधुनिक, सुसज्जित केंद्रों में बदलना है।
अमृत भारत स्टेशन योजना:
- परिचय:
- अमृत भारत स्टेशन योजना का लक्ष्य देश भर में 1309 स्टेशनों का पुनर्विकास करना है।
- यह पुनर्विकास आधुनिक यात्री सुविधाएँ प्रदान करने के साथ-साथ इंटर-मोडल एकीकरण तथा यात्रियों के लिये सुव्यवस्थित दिशा-निर्देश की सुविधा प्रदान करने के लिये साइनेज़ (संकेतों के माध्यम से) सुविधा भी सुनिश्चित करेगा।
- यह योजना रेल मंत्रालय द्वारा फरवरी 2023 में शुरू की गई थी।
- स्टेशनवार योजनाएँ:
- स्टेशन भवनों के डिज़ाइन स्थानीय संस्कृति, विरासत और वास्तुकला से प्रेरित होंगे।
- उदाहरण के लिये, जयपुर रेलवे स्टेशन में राजस्थान के हवा महल और आमेर किले से मिलते जुलते तत्त्व देखने को मिलेंगे।
- स्टेशन भवनों के डिज़ाइन स्थानीय संस्कृति, विरासत और वास्तुकला से प्रेरित होंगे।
- शहरी विकास के लिये एकीकृत दृष्टिकोण:
- पुनर्विकास योजना शहरी विकास के लिये एक समग्र दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर बनाई गई है, ऐसे में इन स्टेशनों को "सिटी सेंटर" के रूप में माना जा सकता है।
- इस दृष्टिकोण का उद्देश्य यात्रियों के सुलभ आवगमन के लिये अच्छी तरह से डिज़ाइन किये गए ट्रैफिक सर्कुलेशन, इंटर-मोडल कनेक्टिविटी तथा स्पष्ट संकेत बनाना है।
- लाभ:
- यात्री सुविधाएँ: पुनर्विकसित स्टेशनों में आधुनिक यात्री सुविधाएँ उपलब्ध होंगी, जिनमें उन्नत प्रतीक्षालय, प्लेटफॉर्मों पर बैठने के लिये व्यवस्थित जगह और मुफ्त वाई-फाई कनेक्टिविटी शामिल हैं।
- स्थानीय सहभागिता: पुनर्विकास योजनाओं में स्थानीय समुदाय से प्राप्त इनपुट को भी शामिल किया गया है, जिसका लक्ष्य स्टेशन के डिज़ाइन और सुविधाओं में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करना है।
- हरित ऊर्जा एवं उत्सर्जन में कमी:लगभग 70,000 कोचों में LED लाइटिंग लगाई जाएगी और ट्रेनों में जैव-शौचालयों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की जाएगी, जिससे पर्यावरण को संरक्षित करने में सहायता प्राप्त होगी।
- शुद्ध शून्य उत्सर्जन लक्ष्य: रेलवे नेटवर्क का भारत का लक्ष्य वर्ष 2030 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन है। हरित भवन मानकों और ऊर्जा-कुशल प्रथाओं पर ज़ोर पर्यावरणीय स्थिरता की व्यापक दृष्टि के साथ संरेखित है।
भारतीय रेलवे के बारे में कुछ मुख्य तथ्य:
- विरासत के 169 वर्ष:
- भारतीय रेलवे की स्थापना 16 अप्रैल, 1853 को हुई थी। उद्घाटन यात्री ट्रेन ने मुंबई के बोरी-बंदर और ठाणे के बीच 34 किलोमीटर का मार्ग तय किया।
- अद्वितीय शुभंकर:
- भारतीय रेलवे का अपना शुभंकर 'भोलू' नामक शुभंकर है, जिसे वर्ष 2002 में राष्ट्रीय डिज़ाइन संस्थान द्वारा बनाया गया था। भोलू रेलवे गार्ड की पोशाक पहने एक हाथी है, जिसे रेलवे की 150वीं वर्षगाँठ पर पेश किया गया था।
- विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क:
- भारतीय रेलवे विश्व के चौथे सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क के रूप में है, जिसकी ट्रैक की लंबाई 67,368 किमी. है। केवल अमेरिका, चीन और रूस के पास इससे बड़ा नेटवर्क है। यह एकल प्रशासन के तहत प्रबंधित विश्व का दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है, जो 115,000 किमी. तक फैला है।
- यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल:
- भारतीय रेलवे की चार संपत्तियों को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में नामित किया गया है।
- दार्जिलिंग हिमालयी रेल, मुंबई में छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, नीलगिरि पर्वतीय रेल और कालका-शिमला रेलवे।
- भारतीय रेलवे की चार संपत्तियों को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में नामित किया गया है।
- सबसे लंबा प्लेटफॉर्म:
- हुबली जंक्शन का प्लेटफॉर्म नंबर 1, जिसे कर्नाटक में श्री सिद्धारूढ़ा स्वामीजी हुबली स्टेशन के नाम से भी जाना जाता है, रिकॉर्ड 1,505 मीटर के साथ विश्व के सबसे लंबे रेलवे प्लेटफॉर्म है।
- सबसे लंबी और सबसे छोटी ट्रेन की सवारी:
- भारत में सबसे लंबी ट्रेन विवेक एक्सप्रेस है, जिसका संचालन कन्याकुमारी से डिब्रूगढ़ तक किया जाता है, यह 56 स्टॉप के साथ 4,189 किलोमीटर की दूरी 82 घंटे और 30 मिनट में तय करती है।
- सबसे छोटी ट्रेन यात्रा सिर्फ 3 किलोमीटर की है, जो नागपुर और अजनी के बीच चलती है।
- विश्व का सबसे ऊँचा रेल पुल:
- भारत में विश्व का सबसे ऊँचा रेलवे पुल चिनाब रेल ब्रिज है, जो धरोट, जम्मू-कश्मीर में स्थित है।
- नागपुर डायमंड क्रॉसिंग:
- नागपुर, महाराष्ट्र, प्रसिद्ध डायमंड क्रॉसिंग की मेज़बानी करता है जहाँ दो रेलवे ट्रैक एक चौकोर हीरे की आकृति बनाते हैं, जिसमें दो लाइनें उत्तर-दक्षिण की ओर और दो लाइनें पूर्व-पश्चिम की ओर जाती हैं।