प्रारंभिक परीक्षा
कार्बन के अपरूप
- 21 Nov 2024
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स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
कार्बन और इसके अपरूप अपने विविध भौतिक और रासायनिक गुणों के कारण चर्चा में रहते हैं।
- अपरूप से तात्पर्य किसी रासायनिक तत्त्व के एक या अधिक रूपों से है जो एक ही भौतिक अवस्था में पाए जाते हैं।
- कार्बन के चार मुख्य अपरूप हैं, अर्थात् हीरा, ग्रेफाइट, फुलरीन और ग्राफीन।
- इसके अतिरिक्त, कार्बन नैनोट्यूब और अक्रिस्टलीय कार्बन (जैसे चारकोल) को भी कार्बन के रूप माना जाता है, लेकिन उन्हें प्राथमिक अपरूपों के रूप में कम ही वर्गीकृत किया जाता है।
कार्बन के अपरूप क्या हैं?
- ग्रेफाइट: ग्रेफाइट में, प्रत्येक कार्बन परमाणु तीन अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ बंध बनाता है, जिससे द्वि-विमीय फलकें बनती हैं। यह षट्कोणीय तलों में व्यवस्थित कार्बन परमाणुओं की परतों से बना होता है।
- विद्युत चालन: ग्रेफाइट अपनी परतों के भीतर विस्थानीकृत इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति के कारण विद्युत का अच्छा चालक है।
- स्नेहक: इसकी परतें आसानी से एक दूसरे के ऊपर फिसल सकती हैं, जिससे यह ठोस स्नेहक के रूप में उपयुक्त हो जाता है।
- कठोरता: ग्रेफाइट सबसे मुलायम कार्बन अपरूप है।
- ग्राफीन: ग्राफीन ग्रेफाइट की एक एकल, एक परमाणु मोटी परत है। इलेक्ट्रॉनिक्स, ऊर्जा भंडारण, सेंसर, कोटिंग्स, कंपोजिट और बायोमेडिकल उपकरणों में इसकी संभावनाएँ हैं।
- इसका उच्च सतह क्षेत्र और जैव-संगतता इसे दवा वितरण और ऊतक इंजीनियरिंग के लिये आदर्श बनाती है।
- हीरा: यह चतुष्फलकीय संरचना में व्यवस्थित कार्बन परमाणुओं के त्रि-विमीय फलकों से बना होता है, जहाँ प्रत्येक कार्बन परमाणु अन्य चार कार्बन परमाणुओं से बंधा होता है।
- कठोरता: अपने मज़बूत सहसंयोजक बंधों के कारण इसे सबसे कठोर प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले पदार्थ के रूप में मान्यता प्राप्त है, जो इसे औद्योगिक कटाई, ड्रिलिंग और पाॅलिश के लिये उपयुक्त बनाता है।
- पारदर्शिता: कुछ हीरे दृश्य स्पेक्ट्रम में उच्च पारदर्शिता प्रदर्शित करते हैं, जिससे वे आभूषणों में मूल्यवान बन जाते हैं।
- तापीय चालकता: हीरे में उत्कृष्ट तापीय चालकता होती है, जो उन्हें ताप विकेंद्रित करने में उपयोगी बनाती है।
- विद्युत चालन: इसके शुद्ध रूप में विद्युत चालकता का अभाव होता है, क्योंकि इसमें विद्युत का संचालन करने के लिये कोई मुक्त इलेक्ट्रॉन या "आवेश वाहक" उपलब्ध नहीं होते हैं।
- प्रयोगशाला में निर्मित हीरे (LGD): LGD कठोरता, चमक और स्थायित्व जैसे भौतिक गुणों के मामले में प्राकृतिक हीरे के समान होते हैं, लेकिन इन्हें डायमंड सीड के रूप में ग्रेफाइट का उपयोग करके प्रयोगशालाओं में कृत्रिम रूप से बनाया जाता है।
- फुलरीन: बकमिनस्टरफुलरीन एक प्रकार का फुलरीन है जिसका सूत्र C60 है और इसकी विशेषता फुटबॉल जैसी विशिष्ट पिंजरे जैसी संरचना है।
- अनुप्रयोग: फुलरीन और उनके यौगिकों में अर्द्धचालक, अतिचालक, स्नेहक, उत्प्रेरक, विद्युत तार और प्लास्टिक सुदृढ़ीकरण फाइबर के रूप में संभावित अनुप्रयोग हैं।
- कार्बन नैनोट्यूब: ये बेलनाकार संरचनाएँ हैं जो ग्राफीन शीट को मोड़कर बनाई जाती हैं।
- इनका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स, पदार्थ विज्ञान, ऊर्जा भंडारण, चिकित्सा अनुप्रयोग, सेंसर, जल शोधन, दवा वितरण, एयरोस्पेस और नैनो प्रौद्योगिकी में किया जाता है।
- इनका उपयोग मानव शरीर में दवाओं और एंटीजन के वाहक तथा जैव-रासायनिक सेंसर के रूप में किया जा सकता है।
- वे प्रकृति में जैवनिम्नीकरणीय हैं।
- अक्रिस्टलीय कार्बन: यह कार्बन के विभिन्न रूपों को संदर्भित करता है जिनमें क्रिस्टलीय संरचना का अभाव होता है, जैसे चारकोल, कालिख और सक्रियित कार्बन।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्स:प्रश्न. कार्बन नैनोट्यूबों के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये- (2020)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (c) प्रश्न: ग्राफीन आजकल प्रायः सुर्खियों में रहता है। उसका क्या महत्त्व है ?(2012)
उपर्युक्त में से कौन-से कथन सही-हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (c) |