AK-203 राइफल्स | 23 Aug 2022
भारत और रूस का संयुक्त उद्यम "इंडो-रसियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL)" अमेठी, उत्तर प्रदेश में 5,000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाली 6.1 लाख AK-203 असॉल्ट राइफलों का निर्माण करेगा।
- इस कारखाने के भारतीय कामगारों का प्रशिक्षण शीघ्र ही शुरू होगा और निर्माण प्रक्रिया तीन वर्ष में 100% स्वदेशीकरण के स्तर तक पहुँच जाएगी।
- AK-203 असॉल्ट राइफलें भारत में बनी INSAS असॉल्ट राइफलों और पुरानी AK-47 को स्थानांतरित करेंगी।
अनुबंध की विशेषताएँ
- इंडो-रसियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) की स्थापना भारत के तत्कालीन आयुध निर्माणी बोर्ड OFB [अब एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (AWEIL)] और म्युनिशंस इंडिया लिमिटेड (MIL)] तथा रूस के रोसोबोरोनएक्सपोर्ट (RoE) एवं कलाश्निकोव के बीच संयुक्त रूप से की गई थी। .
- दिसंबर 2021 में भारत और रूस ने 5,124 करोड़ रुपए के समझौते पर हस्ताक्षर किये।
- यह हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच सबसे बड़ा रक्षा सौदा है। इस सौदे में पूर्ण प्रौद्योगिकी हस्तांतरण हेतु भी प्रावधान है। साथ ही राइफल्स को मित्र देशों को भी निर्यात किया जाएगा।
- कलाश्निकोव पहले ही AK-203 असॉल्ट राइफलों के बड़े ऑर्डर के तहत रूस में बनी 70,000 राइफलों की आपूर्ति कर चुका है।
भारत-रूस रक्षा और सुरक्षा संबंध:
- भारत-रूस सैन्य-तकनीकी सहयोग क्रेता-विक्रेता ढाँचे से विकसित हुआ है जिसमें उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों और प्रणालियों के संयुक्त अनुसंधान, विकास एवं उत्पादन शामिल हैं।
- दोनों देश नियमित रूप से त्रि-सेवा अभ्यास (Tri-Services Exercise) 'इंद्र' आयोजित करते हैं।
- भारत और रूस के बीच संयुक्त सैन्य कार्यक्रमों में शामिल हैं:
- ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल कार्यक्रम
- 5वीं पीढ़ी का लड़ाकू जेट कार्यक्रम
- सुखोई एसयू-30एमकेआई कार्यक्रम
- इल्यूशिन/एचएएल सामरिक परिवहन विमान
- KA-226T ट्विन-इंजन यूटिलिटी हेलीकॉप्टर
- भारत द्वारा रूस से खरीदे/पट्टे पर लिये गए सैन्य हार्डवेयर में शामिल हैं:
- एस-400 ट्रायम्फ
- मेक इन इंडिया पहल के तहत भारत में बनेगी 200 कामोव Ka-226
- टी-90एस भीष्म
- आईएनएस विक्रमादित्य विमान वाहक कार्यक्रम
- रूस अपनी पनडुब्बियों के माध्यम से भारतीय नौसेना को सुसज्जित करने में भी बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है:
- भारतीय नौसेना की पहली पनडुब्बी, 'फॉक्सट्रॉट क्लास' रूस से ली गई थी।
- भारत अपने परमाणु पनडुब्बी कार्यक्रम के लिये रूस पर निर्भर है।
- भारत द्वारा संचालित एकमात्र विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य भी मूल रूप से रूस का है।
- भारत द्वारा संचालित चौदह पारंपरिक पनडुब्बियों में से नौ रूस की हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs):मेन्स: Q. भारत-रूस रक्षा सौदों पर भारत-अमेरिका रक्षा सौदों का क्या महत्त्व है? हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता के संदर्भ में इस पर चर्चा कीजिये। (2020) |