इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


प्रारंभिक परीक्षा

AK-203 राइफल

  • 19 Jan 2023
  • 4 min read

भारत और रूस ने संयुक्त रूप से अमेठी, उत्तर प्रदेश के एक कारखाने में AK-203 राइफल्स का निर्माण शुरू कर दिया है। 

  • रूस और भारत के बीच दिसंबर 2021 में 6,01,427 असॉल्ट राइफल्स की खरीद के लिये अमेठी में कोरवा आयुध कारखाने के माध्यम से एक समझौता हुआ था।

A-Defence-Upgrade

संयुक्त अनुबंध के प्रमुख बिंदु: 

  • भारतीय आयुध निर्माणी बोर्ड, कलाश्निकोव कंसर्न और रोसोबोरोनेक्सपोर्ट, (रोस्टेक राज्य निगम की दोनों सहायक कंपनियों) के बीच  भारत-रूस राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड के हिस्से के रूप में भारत में छह लाख से अधिक राइफल्स का निर्माण किया जाना है।
  • इस संबंध में भारत और रूस के बीच दिसंबर 2021 में 5,124 करोड़ रुपए की डील हुई थी।
    • हालिया वर्षों में दोनों देशों के बीच यह सबसे बड़ी रक्षा संबंधी डील है। इस डील में प्रौद्योगिकी के पूर्ण हस्तांतरण संबंधी प्रावधान है। इन राइफल्स को मित्र देशों में भी निर्यात किया जाएगा।
  • विचार यह है कि इन राइफल्स का निर्माण 100% स्वदेशी कलपुर्जों के साथ 128 महीनों की अवधि में किया जाए

AK-203 राइफल:

  • AK-203 असॉल्ट राइफल को AK-47 राइफल का नवीनतम तथा सबसे अद्यतन संस्करण माना जाता है।
  • यह AK-100 राइफल वर्ग का 7.62×39 मिमी. संस्करण है (यह कई कारतूस और लंबाई में AK-74M प्रणाली प्रदान करता है)।
  • यह भारतीय लघु हथियार प्रणाली (INSAS) 5.56×45 मिमी. असॉल्ट राइफल का स्थान लेगी, जिसका उपयोग वर्तमान में अन्य सुरक्षा बलों के अलावा सेना, नौसेना तथा वायु सेना द्वारा किया जा रहा है।
  • INSAS राइफल्स अधिक ऊँचाई पर उपयोग के लिये उपयुक्त नहीं हैं। इन राइफल्स के साथ कई अन्य समस्याएँ भी हैं जिनमें गन जैमिंग, तेल रिसाव आदि शामिल हैं।

भारत-रूस रक्षा और सुरक्षा संबंध:

  • भारत-रूस सैन्य-तकनीकी सहयोग एक क्रेता-विक्रेता ढांँचे से विकसित हुआ है जिसमें उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों और प्रणालियों के संयुक्त अनुसंधान, विकास और उत्पादन शामिल है। 
  • दोनों देश नियमित रूप से त्रि-सेवा अभ्यास 'इंद्र' आयोजित करते हैं। 
  • भारत और रूस के बीच संयुक्त कार्यक्रमों में शामिल हैं:
  • इसमें भारत द्वारा रूस से खरीदे/पट्टे पर लिये गए सैन्य हार्डवेयर में शामिल हैं: 
  • INS विक्रमादित्य विमान वाहक कार्यक्रम 
  • रूस अपने पनडुब्बी कार्यक्रमों द्वारा भारतीय नौसेना की सहायता में भी बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है: 
    • भारतीय नौसेना की पहली पनडुब्बी, 'फॉक्सट्रॉट क्लास' रूस से ली गई थी। 
    • भारत अपने परमाणु पनडुब्बी कार्यक्रम के लिये रूस पर निर्भर है। 
    • भारत द्वारा संचालित एकमात्र विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य भी मूल रूप से रूस का है। 

स्रोत: प्रिंट

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2