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अजरख शिल्प और बेला ब्लॉक प्रिंटिंग

  • 08 Jun 2024
  • 2 min read

स्रोत: द हिंदू

हाल ही में कच्छ की प्रतिरोधी रंगाई की एक कला, अजरख को भौगोलिक संकेत (GI) टैग प्राप्त हुआ है, जो विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्रों की कलाओं को कानूनी संरक्षण प्रदान करता है।

  • अजरख, गुजरात के कच्छ की सदियों पुरानी ब्लॉक-प्रिंटेड वस्त्र कला है, जिसमें सूती कपड़े पर कहानियाँ बताने के लिये प्राकृतिक रंगों और जटिल डिज़ाइनों का उपयोग किया जाता है।
  • नील, लाल और सफेद आदि चमकीले रंगों से बने अजरख वस्त्र पारंपरिक रूप से रबारी, मालधारी तथा अहीर जैसे खानाबदोश समुदायों द्वारा पहने जाते हैं।
  • बेला ब्लॉक प्रिंटिंग:
    • यह कच्छ के उसी क्षेत्र का एक अन्य शिल्प है, जो कम ज्ञात और अस्पष्ट है, तथा मुख्य रूप से खत्री समुदाय द्वारा किया जाता है।
    • यह एक पारंपरिक वस्त्र कला है जो अपनी बोल्ड डिज़ाइनों, आकर्षक रंग संयोजनों तथा बनावट वाले कपड़ों पर हाथी और घोड़े जैसे ग्राफिक रूपांकनों के लिये जानी जाती है।
    • इसे हस्तशिल्प विकास आयुक्त कार्यालय द्वारा भी लुप्तप्राय शिल्प की सूची में रखा गया है। यह राष्ट्रीय एजेंसी है जो भारतीय हस्तशिल्प को बढ़ावा देने और निर्यात करने के लिये कार्य करती है।

और पढ़ें: भौगोलिक संकेत (GI)

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