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सोडियम-आयन बैटरियों के क्षेत्र में प्रगति

  • 25 May 2023
  • 5 min read

हाल ही में भारतीय वैज्ञानिकों ने उच्च प्रदर्शन, लागत-प्रभावशीलता और पर्यावरणीय स्थिरता प्रदान करने वाली नई कैथोड सामग्री निर्मित कर सोडियम-आयन बैटरी (Na-ion Battery) के विकास में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। 

  • यह प्रगति सोडियम-ट्रांज़ीशन-मेटल-ऑक्साइड (Na-TM-ऑक्साइड) आधारित कैथोड सामग्री में वायु या जल-अस्थिरता तथा संरचनात्मक-सह-विद्युत-रासायनिक अस्थिरता संबंधी बाधाओं का समाधान करती है, जो कि स्थिर एवं कुशल ऊर्जा भंडारण प्रणालियों के निर्माण में सहायक होगी।

नवीनतम विकसित कैथोड सामग्री: 

  • परिचय: 
    • कैथोड सामग्री वह इलेक्ट्रोड है जहाँ बैटरी के अनावेशित/डिस्चार्ज होने की प्रक्रिया के दौरान सोडियम आयनों को संग्रहीत किया जाता है
      • यह विद्युत रासायनिक अभिक्रियाओं हेतु उत्तरदायी है जिनके परिणामस्वरूप विद्युत धारा का प्रवाह होता है।
    • नवीनतम विकसित कैथोड सामग्री वायु/जल-स्थिरता और उच्च-प्रदर्शन के लिये जानी जाती है।
      • वे हवा/पानी के संपर्क में आने पर उच्च विद्युत रासायनिक चक्रीय स्थिरता प्रदर्शित करते हैं।
  • महत्त्व: 
    • सोडियम-आयन बैटरी के लिये नवीनतम विकसित कैथोड सामग्री उच्च प्रदर्शन, लागत-प्रभावशीलता और पर्यावरण अनुकूलता प्रदान करती है।
      • ये सामग्रियाँ उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, ग्रिड ऊर्जा भंडारण, नवीकरणीय ऊर्जा भंडारण और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे विभिन्न अनुप्रयोगों के लिये कुशल और टिकाऊ ऊर्जा भंडारण प्रणालियों के विकास का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं।

सोडियम-आयन (Na-आयन) बैटरी: 

  • परिचय: 
    • सोडियम-आयन बैटरी एक प्रकार की रिचार्जेबल बैटरी है जिसकी तुलना सर्वव्यापी लिथियम-आयन बैटरी से की जा सकती है, लेकिन यह लिथियम आयन (Li+) के बजाय चार्ज वाहक के रूप में सोडियम आयन (Na+) का उपयोग करती है।
      • सोडियम-आयन बैटरी के पीछे काम करने वाले सिद्धांत और सेल निर्माण लगभग लिथियम-आयन बैटरी के समान हैं, लेकिन लिथियम यौगिकों के बजाय सोडियम यौगिकों का उपयोग किया जाता है।
    • सोडियम-आयन बैटरी अपनी कम लागत, उच्च उपलब्धता और पर्यावरण पर कम प्रभाव के कारण वर्तमान लिथियम-आयन बैटरी तकनीक के संभावित विकल्प के रूप में उभर रही है। 
  • महत्त्व: 
    • जलवायु और पर्यावरण संबंधी चिंताओं को दूर करने में बैटरी चालित इलेक्ट्रिक वाहनों का बढ़ता महत्त्व परंपरागत लिथियम-आयन (Li-ion) बैटरी के बदले लागत प्रभावी, संसाधन-अनुकूल, सुरक्षित और टिकाऊ क्षार धातु-आयन बैटरी प्रणाली के विकास की आवश्यकता है। 
    • भारत में सोडियम स्रोतों की प्रचुरता सोडियम-आयन (Na-ion) बैटरी प्रणाली को स्थानीय संदर्भ में विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण बनाती है, जो सोडियम-आयन (Na-ion) बैटरी उत्पादन हेतु सरलता से प्रचुर मात्रा में संसाधन प्रदान करती है।
  • चुनौतियाँ: 
    • सोडियम-आयन (Na-ion) बैटरी का प्रदर्शन इलेक्ट्रोड की संरचनात्मक और विद्युत रासायनिक स्थिरता, सोडियम-आयन परिवहन गतिज और विभिन्न गतिशील प्रतिरोधों पर निर्भर करता है।
    • हालाँकि सोडियम-आयन बैटरी प्रणाली में सोडियम आधारित कैथोड सामग्री के इलेक्ट्रोकेमिकल व्यवहार और स्थिरता के व्यापक उपयोग में महत्त्वपूर्ण सुधार की आवश्यकता है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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