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सोडियम-आयन बैटरी

  • 16 Jul 2022
  • 3 min read

हाल ही में यूनिवर्सिटी ऑफ ह्यूस्टन (यूएस) के वैज्ञानिकों ने एक विद्युतअपघट्य (Electrolyte) विकसित किया है जो सोडियम आयन बैटरी को व्यावसायिक रूप से अधिक व्यवहार्य बनाने में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है।

  • जल्द ही सोडियम-आधारित बैटरी तकनीक, लिथियम-आधारित बैटरी के एक विकल्प के रूप में स्थान ले सकती है।

अध्ययन की मुख्य विशेषताएँ:

  • अध्ययन में पाया गया कि परिवेशी तापमान सॉलिड-स्टेट सोडियम-सल्फर बैटरी तकनीक का उपयोग नए विद्युतअपघट्य की मदद से ग्रिड-स्तरीय ऊर्जा भंडारण प्रणालियों के लिये किया जा सकता है।
  • नई संरचनात्मक और संरचनागत डिज़ाइन पद्धतियाँ सुरक्षित, कम लागत वाली, ऊर्जा-सघन, लंबे समय तक चलने वाली सॉलिड-स्टेट सोडियम बैटरियों के निर्माण के लिये एक नया प्रतिमान स्थापित करती हैं।

सोडियम आयन बैटरी:

  • यह रिचार्जेबल बैटरी हैं जिसे बैटरी की चार्जिंग और डिस्चार्जिंग के दौरान इलेक्ट्रोड के बीच सोडियम आयन संचलन की आवश्यकता होती है, तथा इन बैटरियों में सोडियम कैथोड के रूप में कार्य करता है।

Sodium-ion-battery

लिथियम-आयन संबंधी चुनौतियाँ:

  • लिथियम-आयन निकासी हेतु खनन प्रथाओं ने पर्यावरण को नुकसान पहुँचाया है।
  • यह हानिकारक रसायन उत्सर्जित करता है जो आगे नदियों और उसके पारिस्थितिकी तंत्र में फैल जाते हैं।
  • यह पुर्नप्रयोग लायक नहीं है क्योंकि इसकी पुनर्चक्रण प्रक्रिया बहुत महँगी है।

सोडियम-आयन का महत्त्व:

  • लिथियम समकक्षों की तुलना में इसका उत्पादन करना सस्ता है क्योंकि इन्हें बनाने के लिये आवश्यक कच्चे माल की प्रचुरता है।
  • वे ऊर्जा सघन, ज्वलनशील और ठंडे तापमान में अच्छी तरह से काम करते हैं।
  • इसके अलावा वे प्रति यूनिट वज़न में अधिक ऊर्जा स्टोर कर सकते हैं, यह उन्हें इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे बड़े अनुप्रयोगों के लिये उपयुक्त बना सकता है।
  • इसमें बैटरी के गर्म होने की संभावना कम होती है जबकि लिथियम-आयन बैटरी में आग लग सकती है।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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