जालसाजी से निपटने के लिये उन्नत सुरक्षा स्याही | 22 Mar 2025

स्रोत: TH

वैज्ञानिकों ने मुद्रा नोटों और संवेदनशील दस्तावेजों में जालसाजी रोधी उपायों को मजबूत करने के लिये नैनोकण-आधारित सुरक्षा स्याही विकसित की है।

नैनोकण-आधारित सुरक्षा स्याही:

  • संघटन: यह स्याही Sr₂BiF₇ (स्ट्रोंटियम बिस्मथ फ्लोराइड) नैनोकणों से बनी है, जिसमें एर्बियम और यटरबियम आयनों को मिलाया गया है। इसे किफायती सह-अवक्षेपण (coprecipitation) तकनीक द्वारा संश्लेषित किया गया है।
  • निर्माण प्रक्रिया: इसमें धातु लवणों को विगलन, अवक्षेपण एजेंट/अभिकर्मक (जैसे NaOH या अमोनिया) का मिश्रण, इसके बाद पृथक्करण, शुद्धिकरण तथा सुखाने की प्रक्रिया शामिल है ताकि समान नैनोकण सम्मिश्रण प्राप्त किया जा सके।
  • विशिष्ट गुण: यह विभिन्न तरंगदैर्ध्य पर प्रतिदीप्ति (fluorescence) प्रदर्शित करती है—नीला (365 nm UV), मैजेंटा (395nm UV) तथा नारंगी-लाल (980 nm निकट-अवरक्त)- जिससे जालसाजी के विरुद्ध उच्च सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
  • लाभ: यह किफायती, बड़े पैमाने पर उत्पादित करने योग्य (scalable) तथा पर्यावरण की दृष्टि से संधारणीय है।
  • चुनौतियाँ तथा भविष्य की संभावनाएँ: वर्तमान में इसका परीक्षण स्क्रीन प्रिंटिंग के लिये किया जा रहा है। बैंक नोटों और पासपोर्ट में सुरक्षा बढ़ाने हेतु ऑफसेट प्रिंटिंग पर अनुसंधान जारी है।

मुद्रा नोट मुद्रण:

भारत में बैंक नोटों की छपाई चार मुद्रा प्रेसों में की जाती है—2 प्रेस भारतीय प्रतिभूति मुद्रण एवं मुद्रा निगम लिमिटेड (SPMCIL) के तहत, नासिक और देवास में स्थित हैं तथा अन्य 2 प्रेस भारतीय रिज़र्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड (BRBNMPL) के तहत, मैसूर और सालबोनी में स्थित हैं।

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