इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


प्रारंभिक परीक्षा

डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) में आत्मनिर्भर

  • 05 Aug 2022
  • 8 min read

उर्वरक क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने हेतु केंद्र सरकार आत्मनिर्भर भारत पहल के एक हिस्से के रूप में भारतीय उर्वरक कंपनियों को उनकी अंतिम छोर तक आपूर्ति शृंखला को मज़बूत करने के लिये अनुशंसा और समर्थन प्रदान कर रही है।

भारत में उर्वरक उद्योग की स्थिति:

  • उर्वरक का महत्त्व:
    • कृषि एवं इससे संबद्ध क्षेत्र भारत में आय का सबसे बड़ा स्रोत है, यह क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद में 19.9% का योगदान देता है, जिसमें 54.6% जनसंख्या कृषि गतिविधियों में संलग्न है।
    • कृषि क्षेत्र काफी हद तक उर्वरक उद्योग पर निर्भर करता है, जो फसलों के उत्पादन के लिये आवश्यक सबसे महत्त्वपूर्ण कच्चे माल का निर्माण करता है।
    • इसके अलावा भारतीय उर्वरक उद्योग स्वस्थ फसलों के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (DAP), मोनोअमोनियम फॉस्फेट (MAP), नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम (NPK) तथा सिंगल सुपरफॉस्फेट (SSP) जैसे फास्फोरस उर्वरकों का उत्पादन करता है।
  • मुद्दे:
    • उर्वरक उद्योग काफी हद तक फॉस्फेट रॉक जैसे सामान्य कच्चे माल पर निर्भर करता है, जो मुख्य रूप से राजस्थान और मध्य प्रदेश से प्राप्त होता है। हालाँकि भारत अपने फॉस्फेट का 90% अन्य देशों से आयात करता है।
  • भारत में उर्वरक निर्माण:
    • भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (IFFCO) एक बहु-राज्य सहकारी समिति है जिसका मुख्यालय देश की राजधानी में है, यह सबसे बड़ी उर्वरक निर्माता और विपणक है।
    • नेशनल फर्टिलाइज़र्स लिमिटेड एक राज्य के स्वामित्व वाला निगम है जो देश में कुल यूरिया उत्पादन के लगभग 15% हिस्से का साथ यूरिया का सबसे बड़ा उत्पादक है।
  • पहल:

डाइ-अमोनियम फॉस्फेट:

  • DAP यूरिया के बाद भारत में दूसरा सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला उर्वरक है।
  • किसान आमतौर पर इस उर्वरक का प्रयोग बुवाई से ठीक पहले या बुवाई की शुरुआत में करते हैं, क्योंकि इसमें फास्फोरस (पी) की मात्रा अधिक होती है जो जड़ के विकास में सहायक होता है।
  • DAP में 46% फास्फोरस, 18% नाइट्रोजन पाई जाती है जो किसानों के लिये फास्फोरस का पसंदीदा स्रोत है। यह यूरिया के समान है, जो उनका पसंदीदा नाइट्रोजनयुक्त उर्वरक है जिसमें 46% नाइट्रोजन होता है।

DAP निर्भरता को कम करने हेतु की गई पहल:

  • विदेशों में संयुक्त उद्यमों को प्रोत्साहित करना:
    • इस दिशा में भारत की अग्रणी फॉस्फेटिक उर्वरक कंपनी कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड ने सेनेगल में स्थित रॉक फॉस्फेट खनन कंपनी, बाओबाब माइनिंग एंड केमिकल्स कॉर्पोरेशन (BMCC) में 45 प्रतिशत इक्विटी शेयर के अधिग्रहण को औपचारिक रूप दिया है।
      • इसके आलावा खनन सेनेगल में किया जाएगा और DAP का उत्पादन भारत में किया जाएगा।
    • भारत सरकार देश की उर्वरक ज़रूरतों को पूरा करने के लिये आपूर्ति सुरक्षा लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु इस तरह के निवेश को सक्षम करने के लिये उद्योग जगत के साथ साझेदारी कर रही है।
  • संभावित पोटैशियम अयस्क संसाधनों का घरेलू स्तर पर अन्वेषण:
    • खनन और भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग ने राजस्थान के सतपुड़ा, भरूसारी और लखासर में संभावित पोटाश अयस्क संसाधनों की खोज में तेज़ी लाने की योजना बनाई है, जिसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक सहित अन्य राज्य शामिल हैं।

UPSC सिविल सेवा विगत वर्षों के प्रश्न:

प्रश्न. भारत में रासायनिक उर्वरकों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)

  1. वर्तमान में रासायनिक उर्वरकों का खुदरा मूल्य बाज़ार संचालित है और यह सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं है।
  2. अमोनिया, जो यूरिया बनाने में काम आता है, प्राकृतिक गैस से उत्पन्न होता है।
  3. सल्फर, जो कि फॉस्फोरिक अम्ल उर्वरक के लिये एक कच्चा माल है, तेलशोधन कारखानों का उपोत्पाद है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 2
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)

व्याख्या:

  • भारत सरकार उर्वरकों पर सब्सिडी देती है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसानों को उर्वरक आसानी से उपलब्ध हो तथा देश कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भर बना रहे। यह काफी हद तक उर्वरक की कीमत और उत्पादन की मात्रा को नियंत्रित करके प्राप्त किया जा सकता है। अतः कथन 1 सही नहीं है।
  • प्राकृतिक गैस से अमोनिया (NH3) का संश्लेषण किया जाता है। इस प्रक्रिया में प्राकृतिक गैस के अणु कार्बन और हाइड्रोजन में परिवर्तित हो जाते हैं। फिर हाइड्रोजन को शुद्ध किया जाता है तथा अमोनिया के उत्पादन के लिये नाइट्रोजन के साथ प्रतिक्रिया कराई जाती है। इस सिंथेटिक अमोनिया को यूरिया, अमोनियम नाइट्रेट तथा मोनोअमोनियम या डाइ-अमोनियम फॉस्फेट के रूप में संश्लेषण के बाद प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उर्वरक के तौर पर प्रयोग किया जाता है। अत: कथन 2 सही है।
  • सल्फर तेलशोधन और गैस प्रसंस्करण का एक प्रमुख उप-उत्पाद है। अधिकांश कच्चे तेल ग्रेड में कुछ सल्फर होता है, जिनमें से अधिकांश को परिष्कृत उत्पादों में सल्फर सामग्री की सख्त सीमा को पूरा करने के लिये शोधन प्रक्रिया के दौरान हटाया जाना चाहिये। यह कार्य हाइड्रोट्रीटिंग के माध्यम से किया जाता है और इसके परिणामस्वरूप एच 2 एस (H2 S) गैस का उत्पादन होता है जो मौलिक सल्फर में परिवर्तित हो जाती है। सल्फर का खनन भूमिगत, प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले निक्षेपों से भी किया जा सकता है लेकिन यह तेल तथा गैस से प्राप्त करने की तुलना में अधिक महंगा है एवं इसे काफी हद तक बंद कर दिया गया है। सल्फ्यूरिक एसिड का उपयोग मोनोअमोनियम फॉस्फेट (Monoammonium Phosphate- MAP) एवं डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (Diammonium Phosphate- DAP) दोनों के उत्पादन में किया जाता है। अत: कथन 3 सही है।

अतः विकल्प (b) सही है।

स्रोत: पी.आई.बी.

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2